कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के जंगल से सटे समीपवर्ती गांवो में खूंखार जंगली जानवरों की आवाजाही लगातार जारी है। रविवार को नित्यक्रिया के लिए जा रहे ग्रामीण को गन्ने के खेत के निकट तेंदुए ने दौड़ाया। ग्रामीण के शोर मचाने पर वह जंगल की ओर गया। जबकि रात में तेंदुए ने गाय को निवाला बना लिया।
बाढ़ की विभीषिका के बाद मिहींपुरवा तहसील क्षेत्र अंतर्गत कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के समीपवर्ती गांव में तेंदुए के हमले की घटनाएं बढ़ गई हैं । ताजा मामला मूर्तिहा कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत स्थित ग्राम मझरा का है। ककरहा वन रेंज के जंगल से निकल तेंदुआ आबादी के समीप पहुंच गया। ग्राम मझरा के मजरा ललतूपुरवा के समीप गन्ने के खेत से निकले तेंदुए ने शौच जा रहे 20 वर्षीय जयराज को दौड़ा लिया । युवक के शोर मचाते हुए भागने तथा आसपास मौजूद ग्रामीणों के हाका लगाने पर तेंदुआ पुनः गन्ने के खेत में चला गया।
इससे पहले मझरा गांव के मजरा ललतुपुरवा में ही तेंदुए ने बीती देर रात गांव निवासी चंद्रिका की बछिया का शिकार कर लिया था। पद चिन्हों के आधार पर स्थानीय ग्रामीणों को बछिया का कंकाल एक खेत में मिला। तेंदुए के हमले की सूचना पर कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी आकाशदीप वधावन के निर्देशन में ककरहा वन मौके पर पहुंची । वन दरोगा आलोक मणि तिवारी के नेतृत्व में पहुंची वन टीम ने स्थानीय ग्रामीणों से बातचीत कर तेंदुए के हमले से बचाव के लिए उन्हें जागरूक किया । ग्रामीणों को गोला पटाखा बाट कर लोगों को सतर्क रहने की अपील की। इस दौरान वन टीम ने ग्रामीणों के साथ तेंदुए के मोमेंट वाले क्षेत्र में कांबिंग की। साथ ही लोगों को पटाखा भी वितरित किया।