मथुरा न्यूज़: यमुना एक्सप्रसेवे के किनारे राया में प्रस्तावित हेरिटेज सिटी की संशोधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो गई. इसके लिए बनने वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की लंबाई करीब 700 मीटर घट गई है. इस 100 मीटर चौड़े एक्सप्रेसवे को इंटरचेंज बनाकर सीधे यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा. इस एक्सप्रेसवे के एक ओर 500 और दूसरी ओर 800 मीटर में यह कॉरिडोर विकसित होगा. इस एक्सप्रेसवे पर जो सड़कें आएंगी, वहां इसे एलिवेटेड बनाया जाएगा. यमुना प्राधिकरण अब इस डीपीआर का अध्ययन करेगा.
यमुना प्राधिकरण ने कोल्डवेल बैंकर्स रिचर्ड एलिस (सीबीआरई) साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से हरिटेज सिटी की डीपीआर तैयार कराई थी. इसमें कुछ संशोधन की जरूरत थी. इसमें हेरिटेज सिटी को चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग, वृंदावन-मथुरा रोपवे परियोजना और एनएचएआई के प्रस्तावित वृंदावन बाईपास से भी जोड़ने की बात कही गई. इसके बाद कंपनी ने अब संशोधित डीपीआर तैयार करके यमुना प्राधिकरण को सौंप दी है. यह परियोजना पीपीपी मॉडल पर विकसित होगी, इसलिए यमुना प्राधिकरण के बोर्ड से पास होने के बाद इस बिड इवैल्युवेशन कमेटी के समक्ष रखा जाएगा. कमेटी की हरी झंडी के बाद हेरिटेज सिटी परियोजना के लिए विकासकर्ता कंपनी की तलाश शुरू की जाएगी.
ये बदलाव किए जाएंगे हेरिटेज सिटी यमुना प्राधिकरण के 9350 हेक्टेयर में प्रस्तावित राया अर्बन सेंटर का हिस्सा होगी. इसके लिए यमुना एक्सप्रेसवे के 77वें किलोमीटर से बांके बिहारी मंदिर तक पहुंचने के लिए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे बनाया जाना है. पहले यह एक्सप्रेसवे 16 किलोमीटर और फिर 7.5 किलोमीटर का किया गया.
अब यह एक्सप्रेसवे 6.8 किलोमीटर का बनेगा. पहले इस एक्सप्रेसवे के दोनों ओर 500-500 मीटर में यह कॉरिडोर विकसित किया जाना था. अब एक तरफ 500 मीटर और दूसरी तरफ 800 मीटर चौड़ाई में इसे विकसित किया जाएगा.
तीन जगह 750-750 मीटर एलिवेटेड होगा एक्सप्रेसवे हेरिटेज कॉरिडोर को चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग, वृंदावन-मथुरा रोपवे परियोजना और एनएचएआई के प्रस्तावित वृंदापास बाईपास से जोड़ा जाएगा. ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की लाइन में आने वाले बाईपास के ऊपर एलिवेटेड रोड बनेगी. मथुरा वृंदावन मार्ग के ऊपर से यह एक्सप्रेसवे गुजरेगा. यह एक्सप्रेसवे तीन जगह 750-750 मीटर एलिवेटेड बनाया जाएगा.
इस तरह किया जाएगा भू उपयोग
हेरिटेज कॉरिडोर में नये एक्सप्रेसवे के दायीं ओर मल्टीपल लैंड यूज होगा, जबकि बायीं ओर व्यावसायिक, संस्थागत आदि भू उपयोग होगा. यहां कार पार्किंग, रिजार्ट, होटल, योगा एंड नेचुरोपैथी सेंटर, इलेक्ट्रानिक बस डिपो, थियोलॉजिक विलेज आदि बनाए जाएंगे.
थ्रीसी मोड पर विकास होगा
हेरिटेज कॉरीडोर में यूनेस्को की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा. यह कॉरिडोर थ्रीसी (कल्चर, कनेक्टिविटी और कम्युनिटी) पर आधारित होगा. यहां मथुरा-वृंदावन की झलक दिखेगी. श्रीकृष्ण-राधा से जुड़े गांव गोकुल, बरसाना, नंदग्राम आदि को यहां पर दिखाने का प्रयास रहेगा. रीवर फ्रंट विकसित किया जाएगा.
राया में प्रस्तावित हेरिटेज सिटी की संशोधित डीपीआर तैयार हो गई है. इसका अध्ययन किया जाएगा. यमुना प्राधिकरण बोर्ड से पास कराने के बाद इसे शासन को भेजा जाएगा. शासन की अनुमति के बाद इस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण