मजदूर पति ने पत्नी पर फरसे से ताबड़तोड़ हमला कर पत्नी की हत्या कर दी

घंटों तड़पती रही रुखसाना नहीं पहुंची एम्बुलेंस की सेवा

Update: 2021-10-30 11:05 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिस्ता वेबडेसक | शाहजहांपुर जिले के जैतीपुर थाना इलाके के बझेड़ा भगवानपुर गांव में राशिद ने शुक्रवार सुबह पत्नी रुखसाना (28) के सिर, माथे और हाथों पर फरसे से ताबड़तोड़ प्रहार कर हत्या कर दी । कई बार फोन करने के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई और महिला ने करीब तीन घंटे तड़पने के बाद घर में ही दम तोड़ दिया। रुखसाना और राशिद के बीच अक्सर विवाद होता रहता था। मोहल्ले वाले भी आए दिन शोरगुल सुनते रहते थे। शुक्रवार सुबह करीब पांच बजे दोनों में झगड़े का शोरगुल जब मोहल्ले के लोगों ने सुना तो उन्होंने इसे रोजाना की तरह समझा। किसी को अंदाजा भी नहीं था कि राशिद अपनी बीवी रुखसाना की हत्या कर देगा। बच्चों के सामने ही राशिद ने बीवी की हत्या कर दी। घरवाले और मोहल्ले वाले उसे रोकने का साहस नहीं जुटा सके।  रुखसाना और राशिद का निकाह नौ साल पहले हुआ था। राशिद बाहर रहकर मजदूरी करता था।

आठ दिन पहले ही घर लौटा था। अन्य दो भाई भी बाहर रहकर मेहनत-मजदूरी करते हैं। तिलहर के सितारगंज मोहल्ले के रहने वाले रुखसाना के भाई नबील के मुताबिक निकाह में उसने लगभग चार लाख रुपये खर्च किए थे। दहेज से रुखसाना का पति राशिद, सास सेगम, ससुर मुन्ने, देवर जाहिद और जावेद, राबिना पत्नी जाहिद संतुष्ट नहीं थे। वे लोग दहेज में अपाचे मोटरसाइकिल की मांग करते थे। नबील के अनुसार जब उसके पिता ने बाइक देने में असमर्थता जताई तो वे लोग उसकी बहन को लाठी-डंडे से पीटने लगे। कहते थे कि उसे मारकर राशिद का दूसरा निकाह करा देंगे। दहेज न देने पर बहन को शुक्रवार की सुबह मार डाला।

तीन दिन पहले हुआ था समझौता

रुखसाना और राशिद में तीन दिन पहले झगड़ा होने पर रुखसाना के परिजन गांव पहुंचे थे। उन्होंने जैतीपुर पुलिस से शिकायत भी की थी। इसके बाद प्रधान के सामने दोनों में समझौता हो गया। राशिद ने मारपीट न करने की बात कही तो रुखसाना के परिजन लौट गए। पुलिस ने भी पति-पत्नी का आपसी विवाद मानकर सुलह-समझौता ही बेहतर समझा। 

बच्चों के सामने मार दिया मां को

रुखसाना और राशिद के तीन बच्चे निशा (सात), मंतिशा (पांच) और एक साल का मासूम बिलाल हैं। झगड़ा होने पर बच्चे जाग गए थे। उन्हीं के सामने ही राशिद ने रुखसाना पर फरसे से ताबड़तोड़ वार किए। लहूलुहान होकर रुखसाना वहीं पर गिर गई। इसके बाद राशिद फरसा फेंककर भाग गया। सास और अन्य घरवालों ने रुखसाना को चारपाई पर लिटा दिया। बच्चे मां के पास बिलखते रहे। मासूम बिलाल के कपड़ों पर भी रुखसाना का खून लग गया। बताया जा रहा है कि घटना के वक्त सास और ससुर भी घर में थे, लेकिन राशिद को कोई रोक नहीं पाया। राशिद के घर की बाउंड्री करीब तीन फुट की है। मोहल्ले वाले भी रुखसाना को बचाने का साहस नहीं कर सके। 

घंटों तड़पती रही रुखसाना 

हमले के बाद रुखसाना लगभग तीन घंटे तक घर में घायल अवस्था में तड़पती रही, लेकिन उसे मेडिकल मदद नहीं मिली। घर के बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ लग गई, लेकिन किसी ने उसे उपचार के लिए अस्पताल भेजने की व्यवस्था नहीं की। काफी देर तक पुलिस को सूचना भी नहीं दी गई। सास सेगम बहू को घर में घायल अवस्था में छोड़कर गांव में लोगों को बताती घूम रही थी कि उसकी बहू को लड़के ने मार कर घायल कर दिया है। 

108 एंबुलेंस सेवा नहीं आई काम

सूचना मिलने पर गांव का एक व्यक्ति मौके पर पहुंचा तो उसने हेल्पलाइन 108 पर फोन कर एंबुलेंस भेजने के लिए कहा। पहले एंबुलेंस खुदागंज से संपर्क किया, जिसने दूरी का हवाला देकर जैतीपुर से एंबुलेंस बुलाने की बात कह दी। कंट्रोल रूम में फिर से फोन करने पर जैतीपुर से संपर्क किया। एंबुलेंस चालक ने चचोरा गांव में होने की बात कहते हुए कहा कि उसे पहुंचने में दो घंटे लग जाएंगे। इलाज के इंतजार में सुबह करीब पौने आठ बजे रुखसाना ने दम तोड़ दिया। बाद में पुलिस ने महिला को किसी वाहन से राजकीय मेडिकल कॉलेज भेजा, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

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