अलीगढ़ न्यूज़: क्वार्सी के जाकिर नगर गली-7 में अपने माता-पिता की हत्या करने वाले एएमयू छात्र गुलाम मुईउद्दीन के मन में मां से डीएनए मिलान न होने का वहम पल गया था. दरअसल, डीएनए जांच की बात उसे दो साल पहले किसी ने मजाक में कही थी. उसे वह सच मान बैठा था. परिवार वालों ने उसका मानसिक बीमारी का इलाज तक शुरू करा दिया था.
पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि गुलाम मुईउद्दीन को दो साल पहले डेंगू हुआ था. उसे परिवार ने मेडिकल कालेज में भर्ती कराया था. लंबे उपचार के बाद वह ठीक हुआ था. वहां उसे किसी ने मजाक में डीएनए जांच होने की बात कह दी. मिली जानकारी के अनुसार गुलाम मुईउद्दीन को बताया गया कि डीएनए जांच में पिता इशहाक का डीएनए तो मिलान कर गया है. मगर, मां शहजादी बेगम का डीएनए मिलान नहीं किया है. इधर, उसे पिता के दूसरे विवाह की बात भी बता दी गई. पिता की दूसरी शादी होने की बात गुलाम मुईउद्दीन को पहले से पता थी. इसी बात ने उसके मन में मां के सौतेला होने का वहम भर दिया. जबकि मृतक इशहाक के बड़े भाई याकूब अली ने बताया कि यह सच है कि इशहाक की दूसरी शादी हुई थी. उसकी पहली पत्नी छोड़कर चली गई थी. तब इशहाक का निकाह कोटा, राजस्थान की शहजादी बेगम से कराया गया था. इशहाक के सभी चारों बच्चों को शहजादी बेगम ने ही जन्म दिया है. पहली पत्नी से कोई बच्चा ही नहीं हुआ था.