ग्रामीणों के आंदोलन का मामला चुनाव आयोग में पहुंचा
जमीनों का मुआवजा कम देने का आरोप लगाकर ग्रामीण प्रदर्शन
गोरखपुर: जंगल कौड़िया से जगदीशपुर रिंग रोड में जा रही जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर ग्रामीणों के आंदोलन और पुलिसिया कार्रवाई का मामला अब चुनाव आयोग तक पहुंच गया है. जमीनों का मुआवजा कम देने का आरोप लगाकर ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे हैं. ग्रामीणों ने एक दल विशेष के खिलाफ पोस्टर-बैनर लगाकर विरोध जताया था. आरोप है कि पुलिस ने प्रर्दशन कर रहे ग्रामीणों को थाने पर बुला लिया आरोप है कि उन्हें धमकी दी गई. सपा ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की है. पार्टी ने आयोग को पत्र लिखकर गुलरिहा के थानाध्यक्ष को हटाने की मांग की है.
रिंग रोड में 26 गांवों के किसानों की जमीन आ रही है. ग्रामीण जमीन का मुआवजा कम होने की बात कहकर बीते दो महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं. ग्रामीणों ने प्रदर्शन के दौरान पोस्टर भी लगवा दिए. को मामला तूल पकड़ लिया. आरोप है कि गुलरिहा पुलिस ने को प्रदर्शन स्थल पर जाकर बैनर और पोस्टर फाड़ दिया और प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों के नाम-पता की तस्दीक की. को उनके मोबाइल नंबर पर फोन कर थाने बुला लिया.
इसके बाद सपा कार्यकर्ताहरकत में आ गए. को ग्रामीणों के साथ समाजवादी पार्टी से लोकसभा प्रत्याशी काजल निषाद, अमरेंद्र निषाद व पार्टी के कई कार्यकर्ता भी थाने पर पहुंच गए. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं व ग्रामीण से थानेदार की बहस हुई. सपाईयों का आरोप है कि थानेदार ने धमकी भी दी.
आयोग को देंगे वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग: पार्टी के जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम ने इस मामले में चुनाव आयोग से शिकायत की है. उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त को ईमेल कर पूरे मामले की जानकारी दी. इस मामले की सूचना राज्य निर्वाचन आयोग को भी भेजी गई है. अपने ईमेल के साथ उन्होंने साक्ष्य भी उपलब्ध कराए हैं. जिलाध्यक्ष ने कहा कि आचार संहिता की आड़ में पुलिस को दमन नहीं करने दिया जाएगा. ग्रामीण अपना प्रदर्शन लंबे समय से कर रहे हैं. इसके बावजूद पुलिस का आक्रामक रवैया समझ से परे है. पुलिस बेवजह ग्रामीणों का उत्पीड़न कर रही है. आयोग को इस पर संज्ञान लेना चाहिए. आवश्यकता पड़ेगी तो हम आयोग को वीडियो व ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मुहैया कराएंगे.