मेरठ: सोमवार को एमडीए सभागार में टीओडी नीति तथा मास्टर प्लान-2031 को लेकर आईं आपत्तियों पर सुनवाई हुई। हाइवे से 10-20 मीटर तक व्यवसायिक गतिविधियों को अनुमति मिले, इसका मुद्दा भी उठा। क्योंकि इसके पीछे ग्रीन वर्ज बनने और बिना पहुंच मार्ग ही बाइपास पर बड़ा क्षेत्र आवासीय घोषित करने पर बिल्डरों ने ऐतराज जताया हैं। ग्रीन वर्ज में किसी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकता, इसको लेकर आये दिन बिल्डिंग गिराई जाती रही हैं। ग्रीन वर्ज कम करने या फिर खत्म करने का मुद्दा कई बिल्डरों ने उठाया।
रियल एस्टेट डवलपर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक गर्ग ने कहा कि जगह-जगह ओपन स्पेस और पार्क बन रहे हैं, जो बहुत छोटे हैं। सुझाव दिया गया कि पांच-छह कॉलोनियों के लिए संयुक्त रूप से बड़ा जोनल पार्क बने। यह हरियाली के साथ ही स्वास्थ्य के लिए अनुकूल होगा। बिल्डर अतुल गुप्ता ने इनर रिंग रोड का अलाइनमेंट बदलने को कहा। अलाइनमेंट बदलने से शहर को कई लाभ होंगे।
ऐसा उनका तर्क था। उन्होंने कहा कि बिजली बंबा बाइपास जहां दिल्ली रोड से मिल रहा है, वहां रैपिड का पिलर आ गया। यहां से अब सड़क नहीं जा सकती। ऐसे में वेदव्यासपुरी से सुभारती कॉलेज के सामने सड़क बने। ऐसे में अवैध निर्माण हो रहे हैं। एमडीए उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि इनर रिंग रोड का वेदव्यासपुरी का अलाइनमेंट करीब 800 मीटर है, इस पर विचार कर बोर्ड बैठक में लाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि आपत्तियों पर लगातार सुनवाई की गई, जो दो दिन और चलेगी। एमडीए के टाउन प्लानर विजय कुमार सिंह ने बताया कि टीओडी के तहत 29 में से 28 आपत्तियों पर सुनवाई हुई। इसके अलावा मास्टर प्लान 2031 को लेकर 120 आपत्तियां लगाई गई थीं, जिनमें 93 आपत्तिकर्ता एमडीए में पहुंचे और उन्होंने अपना पक्ष रखा, जिस पर एमडीए अब विचार करेगा।