युवक के खाते से दरोगा ने धमकी देकर निकलवा लिया 25 हजार

Update: 2023-01-24 07:27 GMT
बहराइच। कैसरगंज में एक एमआर और महिला डॉक्टर के पति के बीच कहासुनी के बाद मौके पर पहुंचा पुलिस उपनिरीक्षक एमआर को अपने साथ लेकर चला गया। लेकिन दरोगा एमआर को थाने ले जाने के बजाय जन सुविधा केंद्र लेकर पहुंच गया। वहां पर एमआर को धमकाते हुए कहा कि जिस तरह सांसद बृजभूषण फंसे हैं उसी तरह फंसोगे कुछ कर नहीं पाओगे। थाने न ले जाने और कार्यवाही न करने के एवज में दरोगा ने 50 हजार मांगा। एमआर ने विरोध किया तो धमकी देते हुए उसके एटीएम कार्ड से जन सुविधा केंद्र द्वारा जबरन 25 हजार निकलवा लिया। एमआर ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की तो आनन-फानन में दरोगा को सस्पेंड कर दिया गया है।
थाना सुजौली अंतर्गत कारीकोट गांव निवासी प्रभात सिंह पुत्र स्व.जयप्रकाश सिंह एक दवा कंपनी कम्पनी में मेडिकल रिप्रजेन्टेटिव पद पर कार्यरत है। प्रभात ने बताया कि वह अपने प्रोडक्ट के प्रचार के लिए कैसरगंज में डॉ. आलिया के यहाँ आखिरी कॉल करने गया था। एमआर प्रभात ने बताया कि कम्पनी द्वारा पहली काल और आखिरी कॉल की फोटो मांगी जाती है, इसी के चलते उसने डॉक्टर से सेल्फी के लिए अनुमति मांगी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया गया । इसी दौरान डॉ आलिया के पति डा. अब्दुल मुहीद पहुंचे तो कहासुनी के दौरान उनसे माफी मांगी लेकिन डॉक्टर अब्दुल मुहीद ने पुलिस बुला ली। प्रभात का कहना है कि थाने न ले जाकर दरोगा घीसूराम सरोज ने रास्ते में जीप रोक कर कहा कि जिस प्रकार सांसद बृजभूषण शरण सिंह को फंसाया जा रहा है, और वह कुछ नहीं कर पा रहे है तो तुम क्या कर पाओगे।
प्रभात के मुताबिक दरोगा ने आजीवन कारावास की धमकी देते हुए 50 हजार की मांग की। लेकिन इतने पैसे न होने और बिना गलती के घूस देने का विरोध करने पर दरोगा ने अपशब्दों का प्रयोग किया और राकेश कुमार मौर्या के जनसेवा केन्द्र पर ले गये। प्रभात ने मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में कहा है कि दरोगा ने जबरन उसके खाते से 25 हजार रुपया निकलवा लिया। इसके बाद सहमति पत्र भी लिखवाया। प्रभात ने इस मामले में मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत करते हुए जिले के पुलिस उच्चाधिकारियों को सूचना दी। पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस उपनिरीक्षक घीसू राम सरोज को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। एसपी ने कहा कि विभागीय जांच भी की जा रही है। आरोपी दरोगा घीसूराम का कहना है कि चिकित्सक के यहां विवाद के बाद एमआर को समझा-बुझाकर छोड़ दिया था। उनके ऊपर लगाए गए आरोप निराधार है। पुलिस उपनिरीक्षक का कहना है कि पैसे की डिमांड नहीं की। मेरा खाता चेक किया जा सकता है। बिना मेरी बात सुने सस्पेंड कर दिया गया।

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