उन्नाव। जमानत पर जेल से बाहर आए सामूहिक बलात्कार के दो आरोपियों ने कथित रूप से समझौते का दबाव बनाने के इरादे से पीड़ित दलित किशोरी के मकान में आग लगा दी. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि इस घटना में बलात्कार पीड़ित किशोरी का बेटा और उसकी बहन झुलस गए हैं. वहीं, पीड़ित किशोरी की मां का आरोप है कि आरोपियों ने बलात्कार के बाद जन्मे बच्चे की हत्या करने के लिए मकान में आग लगाई है.
पुलिस ने बताया कि दोनों बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से मंगलवार को सुबह बेहतर इलाज के लिए उन्हें कानपुर भेजा गया. जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. सुशील श्रीवास्तव ने बताया कि पीड़िता का बेटा (6 माह) करीब 35 फीसदी और उसकी बहन (दो माह) करीब 45 फीसदी झुलस गए हैं. उन्होंने बताया कि दोनों बच्चों की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें इलाज के लिए कानपुर भेजा गया है. किशोरी की मां ने पत्रकारों को बताया कि फरवरी 2022 में आरोपियों ने उनकी 11 साल की बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार किया, जिसमें वह गर्भवती हो गई. ‘‘उसने सितंबर में एक बेटे को जन्म दिया.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि जमानत पर जेल से बाहर आए आरोपी मेरी बेटी पर समझौते के लिए दबाव बना रहे थे. लेकिन उसके इंकार करने पर सोमवार की शाम करीब छह बजे वे अपने पांच अन्य साथियों के साथ आए और हम मां-बेटी पर हमला करने के बाद मकान के छप्पर में आग लगा दी. पीड़ित किशोरी की मां का आरोप है कि आरोपियों ने बच्चे की हत्या करने के इरादे से मकान के छप्पर में आग लगायी है.
पुरवा के पुलिस क्षेत्राधिकारी संतोष सिंह ने कहा कि पीड़ित किशोरी की मां से मिली तहरीर के आधार पर ‘‘लड़की के दादा और चाचा सहित सात लोगों के खिलाफ आरोपियों का पक्ष लेने का मामला दर्ज किया गया है. उनमें से चार को हिरासत में ले लिया गया है. सीओ ने बताया कि तहरीर में यह भी शिकायत की गई है कि चार दिन पहले पीड़िता के पिता के साथ मारपीट की गयी थी और इस सिलसिले में प्राथमिकी भी दर्ज की गयी है. पुलिस ने कहा, तहरीर के अनुसार, 13 अप्रैल को आरोपियों के उकसाने पर दुष्कर्म पीड़िता के दादा, चाचा और चार अन्य लोगों ने पीड़िता के पिता पर कुल्हाड़ी से हमला किया था जिसमें उन्हें गंभीर चोटें आई थीं और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था.