सरधना। क्षेत्र के कपसाड़ गांव में बुखार मौत का तांडव मचा रहा है। दो दिन से स्वास्थ्य विभाग भी लगातार गांव में कैंप लगा रहा है। सोमवार को भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में कैंप लगाकर मरीजों की जांच की और उन्हें दवाई वितरित की। इसी के साथ टीम ने डोर-टू-डोर सर्वे करते हुए बुखार के मरीजों की सूची तैयार की। इसके अलावा मरीजों में खून के नमूने लेकर लैब जांच के लिए भेजे गए। वहीं गांव में अभी तक बुखार के मरीजों में कोई गिरावट देखने को नहीं मिल रही है। ग्रामीणों ने ब्लॉक प्रशासन से विशेष अभियान चलवाकर सफाई कराने की भी मांग की है।
बता दें कि सरधना के कपसाड़ गांव में करीब 20 दिन से बुखार ग्रामीणों पर मौत बनकर टूट रहा है। ग्रामीणों के अनुसार कपसाड़ में अब तक बुखार से करीब डेढ दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि बड़ी संख्या में ग्रामीण बुखार से तप रहे हैं। जिनमें दर्जनों अस्पताल में भर्ती हैं। खबर छपने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मामले का संज्ञान लेना शुरू किया। सोमवार को भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कपसाड़ में कैंप लगाया और मरीजों की जांच की। बुखार के पीड़ित मरीजों की जांच करते हुए उन्हें दवाई वितरित की।
दोपहर बाद गांव में डोर-टू-डोर सर्वे करते हुए बुखार से ग्रस्त ग्रामीणों की सूची तैयार की और दवाई देने का काम किया। इसके अलावा बड़ी संख्या में मरीजों के ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेजे गए। ताकि स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो सके। वहीं, पूर्व प्रधान मुकेश उर्फ हप्पू, विक्रम सोम, बसंत आदि का कहना है कि गांव में गंदगी फैलने के कारण बुखार का कहर बरस रहा है। गांव के नाले-नाली और तालाब गंदगी से अटे पड़े हैं। ग्रामीणों ने ब्लॉक प्रशासन से विशेष अभियान चलाकर सफाई कराने की मांग की है।
वहीं, इस संबंध में सीएचसी प्रभारी डा. संदीप गौतम का कहना है कि कपसाड़ में कैंप लगाकर मरीजों की जांच करने और दवाई देने का काम किया जा रहा है। इसके अलावा डोर-टू-डोर सर्वे किया जा रहा है और 35 मरीजों के ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए भी भेजे गए हैं। मरने वाले लोगों का भी सर्वे कराया जा रहा है। ताकि पता चल सके कि मौत का कारण क्या रहा। फॉगिंग कराने के साथ कीटनाशक दवाई का भी छिड़काव कराया जा रहा है।