आयुर्वेद का स्वर्णिम दौर वापस लौट रहा

Update: 2023-03-14 12:58 GMT

मेरठ न्यूज़: आज पूरी दुनिया आयुर्वेद की महत्ता समझ रही है. आप वैद्य हैं इस पर गर्व करें. डॉक्टर लिखने और बताने के बजाय स्वयं को वैद्य बताएं. महासम्मेलन में यह बात दूसरे सत्र में अखिल भारतीय आयुर्वेद महा सम्मेलन ट्रस्ट अध्यक्ष वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा ने कही.

आयुर्वेद महासम्मेलन में वैद्यों ने कहा कि आयुर्वेद का स्वर्णिम दौर लौट रहा है. जो छात्र अब आयुर्वेद की पढ़ाई कर रहे हैं उनके लिए दुनियाभर में काम करने के रास्ते खुले हुए हैं, लेकिन एक अपील भी है कि खुद को वैद्य कहने या लिखने में शर्म महसूस ना करें. आयोजन में राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी,विजयपाल सिंह तोमर, कांता कर्दम, सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, सचिव आयुष मंत्रालय व पदमश्री वैद्य राजेश कोटेचा, पद्मश्री/पद्म भूषण वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा, जयंत देव पुजारी, प्रो. वैद्य राकेश शर्मा, वैद्य डा.ब्रजभूषण शर्मा, आयुक्त सेल्वा कुमारी जे, आईजी प्रवीण कुमार, डीएम दीपक मीणा, सीडीओ शशांक चौधरी भी शामिल रहे.

पद्मश्री बालेंद्र प्रकाश ने कहा कि आयुर्वेद जो दे सकता है वह कोई नहीं दे सकता. दुनियाभर के लोग आयुर्वेद उपचार के लिए भारत आते हैं. जिन बीमारी का उपचार अन्य पद्धतियों में नहीं है, उनका आयुर्वेद में है. उन्होंने अपने पिता वैद्य चंद्र प्रकाश के कामों का भी उल्लेख किया. बालेंदु के अनुसार देश-दुनिया से अनेक लोग उनसे उपचार कराने आते थे. 1980 में उन्होंने कई रक्त कैंसर के रोगियों को पूरी तरह से ठीक कर दिया. बालेंदु प्रकाश ने कहा कि उनके देहांत के बाद मैंने वैद्य परंपरा को संभाला. जिस बच्चे को ब्लड कैंसर के चलते विदेश में सिर्फ तीन हफ्ते तक जीवित रहने का प्रमाण पत्र दे दिया गया था, उसे परिजन मेरठ लेकर आए. यह बच्चा भी ठीक हो गया. बच्चे को पूरी तरह स्वस्थ देखकर विदेशी डॉक्टरों की टीम इसकी जानकारी करने मेरठ पहुंची थी.

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