बिटिया को खो चुके परिवार को सताई खुद की फ्रिक, मांगी सुरक्षा

Update: 2022-09-20 18:12 GMT

घर पर अकेली किशोरी से दुष्कर्म और फिर जिंदा जलाकर उसकी जान लेने के मामले में भले ही पुलिस दोनों आरोपियों को जेल भेज चुकी हो। गांव में हालात सामान्य होने का दावा किया जाए, लेकिन इस जघन्य वारदात के बाद पीड़िता के परिवार वालों को खुद की जान का खतरा सता रहा है। पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत के दौरान परिवार ने साफ तौर पर इसे बयां किया और परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की। फिलहाल, घटना के बाद से दुष्कर्म पीड़िता के घर के बाहर लगाए गए पुलिस बल की तैनाती अभी भी बरकरार है।

घटना सात सितंबर को हुई थी। एक अनुसूचित जाति की 17 वर्षीय किशोरी घर पर अकेली थी। इस दौरान गांव के ही दो शोहदे घर में घुस गए। एक ने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। विरोध करने पर दोनों ने मिलकर डीजल छिड़ककर उसे जिंदा जला दिया। तीन दिन तक किशोरी जिला अस्पताल में भर्ती रही और पुलिस को घटना का पता ही नहीं लगा। 10 सितंबर की शाम को पुलिस को एक वायरल वीडियो के जरिए पता चला तो खलबली मच गई। पिता की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर दोनों को जेल भेज दिया गया। इसके बाद उसे हालत गंभीर होने पर लखनऊ रेफर कर दिया गया।

12 दिन चले इलाज के बाद एक दिन पहले सोमवार तड़के किशोरी की जान चली गई थी। उसके शव का रात को ही अंतिम संस्कार कर दिया गया। अब पुलिस दोनों आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने और सख्त सजा दिलाने का आश्वासन दे रही है। दोनों पक्षों के एक ही गांव का होने की वजह से तनाव बना हुआ है। हालात इसकी गवाही एक दिन पूर्व किशोरी की मौत के बाद दे गए। हालांकि पुलिस किसी तरह के तनाव के हालात से इनकार कर रही है।

कार्रवाई और दावों के बीच बिटिया को खो चुका परिवार अन्य सदस्यों को लेकर चिंतित हैं। उन्हें खुद को लेकर चिंता सता रही है। ऐसे में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से सुरक्षा की मांग की है। जिसके चलते पीड़िता के घर के बाहर पुलिस को तैनात रखा गया है। अधिकारी खुद भी निगाह बनाए हुए हैं। उधर, सीओ वीरेंद्र विक्रम का कहना है कि सुरक्षा के लिहाज से पीड़ित परिवार के गांव में पर्याप्त पुलिस बल को तैनात रखा गया है।

न्यूज़क्रेडिट: amritvichar

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