मंडलायुक्त के आदेश के बाद भी गबन की फाइल दबाई
28 लाख के वाटर कूलर घोटाले की फाइल दबा दी गई
मुरादाबाद: गबन की पुष्टि होने के बाद भी घोटालेबाजों को बचाया जा रहा है. मंडलायुक्त आन्जनेय सिंह के आदेशों को हवा में उड़ाया जा रहा है. 28 लाख के वाटर कूलर घोटाले की फाइल दबा दी गई है. मंडलायुक्त ने इस मामले में खफा हैं. गबन की पुष्टि होने रर मंडलायुक्त आन्जनेय सिंह ने 28.66 लाख रुपए की वसूली के आदेश दिए थे. प्रशासकों के कार्य काल में गांवों में लगाए गए वाटर कूलर की खरीद में घोटाला हुआ था. 25 दिसंबर 2020 से 27 मई 2021 के बीच सात विकास खंडों में करीब 76 वाटर कूलर में करीब दो करोड़ रुपए के वाटर कूलर खरीदे गए. जिसकी शिकायत मंडलायुक्त से की गई. मंडलायुक्त ने संयुक्त विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक टीम गठित कर दी. जांच रिपोर्ट के मुताबिक कार्तिक इंटर प्राइजेज फर्म से वाटर कूलर की खरीदारी में 28,66,068 रुपए जीएसटी की चोरी की गई है. छजलैट में प्रशासक तत्कालीन डीपीआरओ राजेश कुमार के थे. यहां 23 वाटर कूलरों का भुगतान प्रति वाटर कूलर 2,48,925 रुपए की दर से किया गया था. मूंढापांडे और कुंदरकी प्रति वाटर कूलर 1.25 लाख रुपये का अधिक भुगतान किया गया. सात ब्लाकों में करीब दो करोड़ रुपए से अधिक के वाटर कूलर प्रति वाटर कूलर 2,48,925 रुपये के दर से खरीदे गए. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि पूर्व डीपीआरओ राजेश कुमार खुद प्रशासक थे. जो स्वयं जिम्मेदार हैं. उनके साथ-साथ संबंधित एडीओ जिम्मेदार बताए गए. जिसमें से कई अधिकारी को निलंबित किया गया था. मंडलायुक्त आन्जनेय सिंह इससे खफा हैं पूरी जानकारी मांगी है.
मजदूर के मकान की छत गिरी: ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम चक फाजलपुर के मजदूर के मकान की छत अचानक गिर गई. मकान गिरने से घर में रखा सामान क्षतिग्रस्त हो गया. मकान की छत गिरने से मजदूर काफी नुकसान हुआ है. को क्षेत्र के चक फाजलपुर निवासी मजदूर बाबू सुबह अपनी पत्नी की दवाई दिलाने अस्पताल गया था. दोपहर के समय मकान की छत गिर गई. गनीमत रही कि छत गिरने से कोई उसके चपेट में नहीं आया.