इलाहाबाद न्यूज़: 11 साल की बच्ची से हैवानियत करने वाले दंपती के बारे पता भी नहीं चलता, अगर कैंट अस्पताल के निदेशक सिद्धार्थ पांडेय ने संज्ञान न लिया होता. हैवानियत करने वाली महिला बच्ची का इलाज कराने पहुंची और उसे अपनी बेटी बताने में लगी थी लेकिन बच्ची ने जब बताया कि वह तीन दिन से भूखी है और उसके साथ इस कदर हैवानियत की गई है कि उसे बयां नहीं किया जा सकता है तो निदेशक भी भड़क उठे और पुलिस को बुलाकर कार्रवाई कराई.
कैंट अस्पताल के निदेशक सिद्धार्थ पांडेय ने बताया कि शुक्रवार रात उनके मोबाइल पर किसी ने कॉल किया और कहा कि भाई-बहन ने आपस में मारपीट कर ली है. बेटी के हाथ में चोट आ गई है. उसका एक्सरे कराना है. यह सुनकर डॉक्टर ने कहा कि अभी बहुत रात हो गई है, सुबह एक्सरे हो जाएगा. सुबह अंजना बिटिया को लेकर अस्पताल पहुंची.
उसका एक्सरे कराया गया तो शरीर पर कई जगहों पर चोट के निशान मिले. उन जगहों पर भी हैवानियत की गई थी जिसका उल्लेख नहीं किया जा सकता. पीठ पर किसी गर्म वस्तु से जलाने के पुराने निशान मिले. इसकी जानकारी होने पर निदेशक बच्ची के पास पहुंच गए. उन्होंने पूछताछ शुरू की तो पूरा घटनाक्रम बिटिया ने बयां कर दिया. यह भी बताया कि उसे तीन दिन से भूखा रखा है. यह सुनकर बच्ची की मां बनकर पहुंची अंजना से निदेशक ने पूछा तो वह कहने लगी कि भाई-बहन ने मारपीट की है. फिर बोली कि कुछ साल पहले गोद ली थी. अब वह बच्ची को लेकर निजी अस्पताल जाने की बात करने लगी लेकिन निदेशक ने उसे रोक लिया और पुलिस को सूचना दी. कैंट पुलिस मौके पर पहुंची और मामला धूमनगंज का होने पर वहां की पुलिस को बुला लिया. धूमनगंज पुलिस अंजना को पकड़कर थाने ले गई. अंजना ने वहां भी पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की. पुलिस ने उसके पति अरुण सिन्हा को भी पकड़ लिया. कड़ाई से पूछताछ शुरू हुई तो पता चला कि दोनों ने मिलकर बच्ची के साथ हैवानियत की थी. बिटिया का अल्ट्रासाउंड कराया जाएगा.