अमरोहा: उत्तर प्रदेश के अमरोहा की अदालत ने धर्मांतरण कानून के तहत शनिवार को एक अभियुक्त के खिलाफ आरोपी को पांच साल की जेलआरोपी को पांच साल की जेलसाल की सजा सुनाई है. यह कानून एक साल पहले ही उत्तर प्रदेश में लागू हुआ है. उसके बाद इस कानून के तहत पहली बार किसी अदालत ने सजा सुनाई है. फास्ट ट्रैक में महज एक साल के अंदर मामले का ट्रॉयल पूरा किया गया. यह मामला दो अप्रैल 2021 को दर्ज हुआ था. उसके बाद पुलिस ने 26 वर्षीय आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था.
बता दें कि उत्तर प्रदेश की सरकार ने वर्ष 2021 में गैरकानूनी तरीके से धर्मांतरण कराने को लेकर कानून लागू किया था. इस कानून के तहत पहली सजा शनिवार को सुनाई गई. इसमें अदालत ने 26 साल के आरोपी को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. बढ़ई का काम करने वाले आरोपी ने पिछले साल एक 16 साल की लड़की का अपहरण कर लिया था और उसका धर्मपरिवर्तन कराने की कोशिश की थी. अमरोह के अतिरिक्त डीजीसी अभियोजन आशुतोष पांडे ने इस सजा की पुष्टि की
महज दस महीने में आया पहला फैसला
अतिरिक्त डीजीसी ने बताया कि दिसंबर 2021 में नया कानून लागू हुआ था. इसके बाद महज दस महीने के अंदर सबसे पहले अमरोहा कोर्ट ने अपना फैसला दिया है. उन्होंने बताया कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो कोर्ट) कपिला राघव की अदालत ने अभियुक्त अफजल के खिलाफ पांच साल की सजा और 40 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.
यह है मामला
केस डायरी के मुताबिक 2 अप्रैल 2021 को यह मामला दर्ज हुआ था. इसमें पीड़िता के पिता ने बताया था कि उस दिन उनकी बेटी घर से किसी काम के लिए निकली, लेकिन देर शाम तक वापस नहीं आई. उन्होंने खूब तलाश किया, लेकिन बाद में पता चला कि एक युवक उनकी बेटी को लेकर कहीं चला गया है. इस दौरान पीड़िता के परिजनों ने पुलिस की पूछताछ में बताया था कि उनकी बेटी पहले से आरोपी लड़के के संपर्क में थी. आरोपी अपनी पहचान छुपा कर उनकी बेटी के संपर्क में था.
निकाह के लिए कराया था धर्मांतरण
पीड़ित पिता ने बताया कि अपहरण के बाद आरोपी अफजल ने उनकी बेटी से निकाह करने के लिए उसका धर्मांतरण करा दिया. उन्हें जानकारी हुई तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दी. इसके बाद पुलिस ने आरोपी को दिल्ली में ट्रेस किया. पता चला कि वहां वह बढ़ई का काम करता था. पीड़ित पिता ने बताया कि वह खुद नर्सरी का काम करते थे. इसलिए आरोपी का नर्सरी पर पहले से आना जाना था. इसी दौरान उसने उनकी बेटी से संपर्क बढ़ा लिया था.