अदालत ने मयंक उर्फ गोल्डन बाबा और ताजिम को उम्रकैद की सजा सुनाई

कोर्ट ने मयंक पर 1.10 लाख और ताजिम शमशी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया

Update: 2024-04-03 04:05 GMT

बरेली: कबाब का स्वाद पसंद न आने और रुपये मांगने पर कबाब कारीगर की गोली मारकर हत्या करने के चर्चित मामले में न्यायाधीश देवाशीष की कोर्ट ने हत्यारोपी मयंक रस्तोगी और उसके साथी ताजिम शमशी को सश्रम उम्रकैद की सजा सुनाई. कोर्ट ने मयंक पर 1.10 लाख और ताजिम शमशी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना की आधी रकम मृतक की पत्नी को देने के भी कोर्ट ने आदेश दिए हैं.

विशेष लोक अभियोजक अचिंत द्विवेदी ने बताया कि तीन मई 20 की रात साढ़े दस बजे इनोवा सवार दो युवकों ने बीडीए आफिस के पास कबाब कार्नर के कारीगर नसीर अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी थी. कबाब कार्नर के मालिक अंकुर सब्बरबाल ने थाना प्रेमनगर में इनोवा कार यूके 06 एन 6366 सवारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. आरोप था कि इनोवा कार सवारों ने कबाब को बेस्वाद बताया और उसके रुपये मांगने पर कारीगर नसीर अहमद की गोली मारकर हत्या करके फरार हो गए. विवेचना में इनोवा कार का मालिक मयंक रस्तोगी निवासी बड़ी बमनपुरी और गढ़ैया निवासी उसके दोस्त ताजिम शमशी का नाम सामने आया. मयंक रस्तोगी ने कारीगर को गोली मारी थी और प्रेमनगर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त इनोवा, रिवॉल्वर और एक अन्य तमंचा बरामद किया था. बता दें कि सोने के तमाम जेवरात पहनने के कारण मयंक रस्तोगी को गोल्डन बाबा भी कहते हैं. हत्या में प्रयुक्त रिवॉल्वर मयंक के पिता अनिल रस्तोगी का था.

पुलिस ने सबूतों को मिटाने और आर्म्स एक्ट में अनिल रस्तोगी के खिलाफ भी कार्यवाही की थी.

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