उत्तरप्रदेश | अतीक अहमद के दोनों नाबालिग बेटों की सुपुर्दगी लेने के लिए कई रिश्तेदार सामने आ चुके हैं. अतीक की बहन शाहीन अहमद बाल संप्रेक्षण गृह में बंद भतीजों को लेना चाहती है. लेकिन उनकी याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी. हाईकोर्ट ने उन्हें अतीक के बेटों का अभिभावक नहीं माना. फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही अतीक के नाबालिग बेटे कहां रहेंगे, यह फैसला होगा.
उमेश पाल की हत्या के बाद अतीक के अलावा उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन भी नामजद हुई थी.
पुलिस उनकी तलाश में लगी थी. इस बीच शाइस्ता गायब हो गई. शाइस्ता ने कोर्ट की शरण ली. आरोप लगाया कि पुलिस के पास उसके बच्चे हैं. धूमनगंज पुलिस ने बताया कि अतीक के दोनों नाबालिग बच्चे लावारिस हालत में मिले थे. उन्हें बाल संप्रेक्षण गृह में रखा गया है. शाइस्ता के सामने न आने पर बच्चों को किसी दूसरे को सुपुर्द नहीं किया गया. इस बीच अशरफ की पत्नी जैनब और अतीक की बहन आयशा नूरी भी बच्चों का अभिभावक बनकर सामने आईं. लेकिन सुरक्षा कारणों से किसी को नहीं सौंपा गया. इसके बाद अतीक की बहन शाहीन अहमद ने कोर्ट की मदद ली.
उन्होंने हाईकोर्ट में रिट दाखिल की. पुलिस ने अपना पक्ष रखा और बताया कि बच्चे नाबालिग हैं. उनकी मां जिंदा है. इसलिए किसी दूसरे को क्यों सुपुर्द किया जाए. शाहीन अहमद भी अभिभावक होने का साक्ष्य नहीं दे सकी. इसलिए हाईकोर्ट ने उसकी रिट खारिज कर दी. अतीक की बहन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. शीर्ष अदालत में अगली सुनवाई चार सितंबर होगी. पुलिस और अतीक की बहन अपना पक्ष रखेंगे. इसके बाद फैसला आएगा.