सोहराब गेट डिपो की मुरादाबाद गई बस का वीडियो वायरल होने के बाद संविदाकर्मी चालक-परिचालक को किया गया बर्खास्त
मेरठ न्यूज़: भारी बारिश के बीच सोहराब गेट डिपो की बस के टूटे वाइपर को जुगाड़ करके पानी साफ करते हुए मुरादाबाद तक पहुंचाने वाले संविदाकर्मी चालक-परिचालक को बर्खास्त कर दिया गया है। इनके जुगाड़ का वायरल वीडियो लखनऊ मुख्यालय तक पहुंच जाने और सीएम पोर्टल तक अपलोड किए जाने के बाद आनन-फानन में जांच करते हुए अधिकारियों ने दोनों कीे सेवाएं समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं। साथ ही इस मामले में डिपो की वर्कशॉप के फोरमैन से जवाब तलब किया गया है। मेरठ परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सोहराब गेट डिपो की बस संख्या यूपी-15 बीटी 2162 को एक वीडियो दो दिन पहले वायरल हुआ। मुरादाबाद डिपो में खड़ी इस बस के वाइपर के बंद होने के कारण चालक ने एक रस्सी और बोतल की मदद से उसे चलाया, जिसका डिपो में मौजूद किसी व्यक्ति ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। यह वीडियो तेजी से वायरल होते हुए लखनऊ मुख्यालय तक पहुंच गया।
सूत्रों के मुताबिक इस वीडियो को सीएम पोर्टल पर भी अपलोड कर दिया गया। बस की ऐसी स्थिति के बारे में जब आरएम से जवाब तलब किया गया, तो उन्होंने एआरएम सोहराब गेट एके त्रिवेदी को तत्काल जांच करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए। इस जांच के दौरान एआरएम ने बस के चालक जनम सिंह और परिचालक विजयपाल को तलब करके उनके बयान दर्ज किए। इस जांच के दौरान अधिकारियों ने यह माना कि इन दोनों से मुरादाबाद डिपो में खड़ी बस का वीडियो बनाकर खुद वायरल करते हुए विभाग को बदनाम करने का काम किया है। जिसकी सजा के तौर पर दोनों संविदाकर्मी चालक-परिचालक की सेवा समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए गए।
यात्रियों को सुरक्षित पहुंचाने को इनाम दिया जाता है आरएम साहब!: खराब वाइपर को जुगाड़ करके चलाने का वीडियो वायरल होकर मुख्यालय तक जाने के बाद जिस प्रकार अधिकारियों ने आनन-फानन में इसके लिए संविदाकर्मी चालक-परिचालक को सेवा मुक्त किया है, उसको लेकर रोडवेजकर्मियों में खासी नाराजगी देखने को मिली है। उनका कहना है कि बारिश के बीच कुछ भी नजर न आने के बाद चालक ने शीशे का पानी साफ करने के लिए एक तरकीब निकाली, और सभी यात्रियों को भारी बारिश के बीच सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाया। खराब मौसम के बीच यात्रियों को बीच सड़क पर न छोड़कर डिपो तक ले जाने वाले यह चालक परिचालक विभाग की ओर से वास्तव में इनाम के हकदार थे। लेकिन इसके बजाय उनके हिस्से में बर्खास्तगी और विभाग को बदनाम करने का कलंक आया है। इस पूरे प्रकरण पर आश्चर्य जताते हुुए रोडवेजकर्मियों का कहना है कि डिपो में सुरक्षित पहुंचने के बाद किसी यात्री ने बस का वीडियो बनाकर यायरल कर दिया, तो इसके लिए चालक-परिचालक कैसे दोषी हो सकते हैं।
निगम के कर्मियों का कहना है कि इस बारे में संगठन के पदाधिकारियों से मिलकर चालक-परिचालक को न्याय दिलाने की मांग की जाएगी। सोहराब गेट डिपो पर मौजूद कुछ रोडवेजकर्मी तो यह कहने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं कि अंधेर नगरी चौपट राजा की तर्ज पर अधिकारियों ने सबसे कमजोर और संविदाकर्मियों पर गाज गिराई है।
जबकि विभाग के मानक के अनुसार किसी भी बस को मार्ग पर भेजने से पहले 13 बिंदुओं पर निरीक्षण रिपोर्ट दी जाती है, जिसकी जिम्मेदारी वर्कशॉप के अधिकारियों की होती है। वाइपर सही तरह चल रहा है या नहीं, यह देखना भी वर्कशॉप वालों का काम है।