कमेटी करेगी नाले में दवाएं फेंकने की जांच, सीएमओ ने बनाई कमेटी

Update: 2023-03-09 13:40 GMT

बरेली न्यूज़: फाइलेरिया की हजारों पत्ते दवाएं नाले में फेंकने के प्रकरण की जांच शुरू हो गई है. सीएमओ डॉ. बलवीर सिंह ने इस मामले में दो सदस्यीय कमेटी बनाई है. कमेटी दवा फेंकने के मामले की जांच कर रिपोर्ट देगी और उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी. वहीं, दूसरी ओर इलाके की कई कालोनियों में फाइलेरिया की दवा नहीं बंटने की बात भी सामने आ रही है.

स्वास्थ्य विभाग ने जनवरी माह में फाइलेरिया अभियान चलाया था. इसके तहत जिले में करीब 43 लाख लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने का लक्ष्य था. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े में करीब 82 फीसदी लक्ष्य भी पूरा हो गया है. लेकिन सुभाषनगर गन्ना मिल के नाले में हजारों पत्ते दवा फेंकने का मामला सामने आने के बाद अब इस अभियान पर सवाल उठने लगा है. दवा आम लोगों ने नहीं, स्वास्थ्यकर्मियों ने ही फेंकी है, यह तय है. इसकी वजह है कि फाइलेरिया अभियान के तहत लोगों को दवा देनी नहीं थी बल्कि सामने खिलानी थी. एक साथ हजारों पत्ते दवा तो सिर्फ स्वास्थ्यकर्मी को ही उपलब्ध हो सकती है. सीएमओ ने एसीएमओ डा. भानु प्रकाश को जांच अधिकारी बनाया है और कमेटी में क्यारा के एमओआईसी डॉ. सौरभ को भी शामिल किया गया है.

जिले की दवा है, बैच नंबर से पुष्टि

नाले में मिली फाइलेरिया की दवाएं जिले में ही सप्लाई हुई थीं. बैच नंबर से इसकी पुष्टि हो गई है. इस बैच की दवाएं जिले में आई थीं और सीएचसी पर सप्लाई की गई थीं. वहां से आशा कार्यकत्रियों, स्वास्थ्यकर्मियों को देनी थी जो लोगों को घर-घर जाकर फाइलेरिया की दवा खिलाते.

जांच कमेटी बनाई गई है जो इस मामले की छानबीन करेगी. दवा किसने फेंकी, इसका पता लगाकर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. एक जगह इतनी बड़ी संख्या में दवा के पत्ते मिलना लापरवाही और गैरजिम्मेदाराना हरकत है.

-डॉ. बलवीर सिंह, सीएमओ

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