अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रहे नरेंद्र गिरि डेथ केस में आनंद गिरि पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के यहां ही मुकदमा चलेगा। 4 अगस्त को छोटे महंत के नाम से प्रसिद्ध आनंद गिरि पर नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने और साजिश रचने का आरोप तय होगा।
नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी हैं आनंद गिरि
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व बाघंबरी गद्दी मठ, अल्लापुर के महंत रहे नरेंद्र गिरी को आत्महत्या के उकसाने के मामले में नैनी जेल में बंद आनंद गिरी पर मुकदमे का ट्रायल अब इलाहाबाद की जिला अदालत में ही होगा। सेशन जज ने मामले में क्षेत्राधिकार पर दाखिल अर्जी पर सुनवाई कर उसे निरस्त कर दिया है। साथ ही अदालत ने यह भी कहा है कि मामला प्रयागराज के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत है और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले का संज्ञान लिया है। अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी और आनंद गिरि पर आरोप निर्धारण की कार्रवाई की जाएगी। सेशन न्यायाधीश अनिल कुमार श्रीवास्तव ने इस अर्जी पर कहा कि इससे पहले मामले के मुख्य आरोपी आनंद गिरि की ओर से अर्जी दाखिल कर क्षेत्राधिकार पर पहले ही सवाल उठाया जा चुका है।
नैनी जेल के सामान्य बैरक में रह रहे आनंद गिरि
मठ बाघम्बरी गद्दी के कमरे में 20 सितंबर 2021 को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी मृत पाए गए थे। महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध दशा में हुई मौत के मामले में छोटे महंत के नाम से प्रसिद्ध आनंद गिरी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सीबीआई जांच में बाद उनपर आरोप पत्र सेशन कोर्ट में पेश किया गया था जिसके बाद उन्हें नैनी सेंट्रल जेल में भेजा गया था। इस समय आनंद गिरि नैनी सेंट्रल जेल में सामान्य कैदी की तरह रह रहे हैं।
जम्मू कश्मीर में लश्करे तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के संपर्क में रहने वाले 44 आतंकियों को 14 मई 2022 को जम्मू से प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था। इसके बाद आनंद गिरि को हाई सिक्योरिटी बैरक से हटा दिया गया था।
बैरक में ही टहल सकते हैं आनंद गिरि
जेल सूत्रों के मुताबिक आनंद गिरि को जिस बैरक में रखा गया है उसमें कुल 4 बंदी हैं। बैरक हॉल जैसी है। उसी में आनंद गिरि को टहलने की अनुमति दी गई है। आनंद गिरि अपनी बैरक में ही योग और ध्यान करते हैं। वहीं सुबह और शाम टहल लेते हैं। सामान्य कैदियों की तरह ही आनंद गिरि को भी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है।
आनंद गिरि की डिमांड पर उन्हें सुंदरकांड सहित कुल 4 धार्मिक पुस्तकें दी गई हैं। आनंद गिरि जेल के अंदर प्रतिदिन स्नान-ध्यान के बाद सुंदर कांड का पाठ करते हैं।