सालों से लड़ रहे थे मुकदमा और पल भर में बस गया परिवार, लोक अदालत में एक दिन में निपटे 64095 मामले
मुरादाबाद। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली व उच्च न्यायालय इलाहाबाद तथा उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों के अनुक्रम में शनिवार 12 नवम्बर को जनपद न्यायाधीश डा. अजय कुमार के द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ जिला एवं सत्र न्यायालय जनपद मुरादाबाद स्थित न्यायालय परिसर में दीप प्रज्वलन कर किया गया, जिसमें समस्त न्यायिक अधिकारी, बैंक पदाधिकारी व बार संघ के पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।
जिला जज डा. अजय कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्देश्य आम जनता को त्वरित न्याय दिलाना है। जिससे दोनों पक्षों में आपसी वैमनस्यता दूर हो सके। देर शाम तक लगी अदालत में 64095 वादों का निस्तारण किया गया। सचिव सचिन कुमार दीक्षित ने कहा, यह जानकर खुशी हो रही है कि इस साल आयोजित चारों लोक अदालतों ने पिछले साल के रिकार्ड को पार कर लिया है और राष्ट्रीय लोक अदालतों के आयोजन से छोटे-छोटे मामलों का निस्तारण बड़ी आसानी से हो जा रहा है, जिससे न्यायालयों पर भी मुकदमों का बोझ कम हो रहा है।
राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न प्रकृति के 9,213 शमन योग्य वादों का निस्तारण किया गया। आरोपितों पर 13 लाख 92 हजार 390 रुपये अर्थदंड आरोपित किया गया। वैवाहिक एवं भरण पोषण संबंधी 53 मामलों का निस्तारण परिवार न्यायालय पर परिवार न्यायालय द्वारा आपसी सुलह समझौते के आधार पर कराया गया। उत्तराधिकार के कुल 110 मामले निस्तारित कर 77 लाख 58 हजार 194 रुपये के प्रमाण-पत्र जारी किये गये। लघु प्रकृति के मामले जैसे लेबर एक्ट, बाट माप अधिनियम, मोटर वाहन अधिनियम आदि से संबंधित मामलों का भी निस्तारण किया गया। मोटर वाहन दुर्घटना प्रतिकर से संबंधित कुल 50 मामलों का निस्तारण करते हुए पीड़ितों व उनके स्वजन को 02 करोड़ 76 लाख 28 हजार रुपये देने के आदेश दिए गए। विभिन्न बैंकों के ॠण संबंधी कुल 380 मामलों का निस्तारण कर 05 करोड़ 74 लाख 63 हजार 287 की वसूली की गयी।