प्राधिकरण ने रामगढ़झील में कचरा डालने पर कड़ा रुख अख्तियार किया

जेट्टी से अवैध बोट संचालन तत्काल रोकने के निर्देश दिया

Update: 2024-03-31 07:00 GMT

गोरखपुर: रामगढ़झील में निर्मित जेट्टी से अवैध ढंग से विभिन्न प्रकार के बोट संचालन पर गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. पर्यटन विकास निगम के प्रबंधक को पत्र लिखकर जेट्टी से अवैध बोट संचालन तत्काल रोकने के निर्देश दिया. कहा है कि जल्द ऐसा नहीं किया गया तो प्राधिकरण बलपूर्वक कार्रवाई करेगा.

प्राधिकरण के सचिव उदय प्रताप सिंह ने पर्यटन विकास निगम के प्रबंधन को लिखे पत्र में कहा है कि रामगढ़झील गोरखपुर विकास प्राधिकरण की सम्पत्ति है. इस पर निर्मित जेट्टी का रख-रखाव वर्तमान में पयर्टन विकास निगम की ओर से किया जा रहा है. जेट्टी को गोरखपुर विकास प्राधिकरण को हस्तानान्तरित किए जाने के लिए मण्डलायुक्त अनिल ढींगरा ने प्रमुख सचिव/ महानिदेशक पर्यटन विकास को 30 सितंबर 23 और 09 फरवरी को पत्र भी लिखा है. इस क्रम मंो जीडीए सचिव कार्यालय से भी क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी को पत्र लिख कर अवगत कराया गया है कि जब तक शासन स्तर से कोई निर्णय नहीं हो जाता पर्यटन विभाग बोटिंग आदि के संचालन या अन्य किसी भी तरह की निविदा की कार्यवाही न करें.

झील में डाल रहे कचरा, चला रहे जनरेटर पर्यावरण के क्षेत्र में सक्रिय संस्था हेरिटेज फाउंडेशन ने भी प्राधिकरण में शिकायत दर्ज कराई है. इसमें कहा गया है कि बोटिंग के दौरान रामगढ़झील में कूड़ा कचरा डाल कर गंदगी फैलाई जा रही है.

झील के किनारे पर तीन-तीन जनरेटर रख कर प्रदूषण भी फैलाया जा रहा है. जेट्टी पर चलने वाले रेस्टोरेंट से पानी की बोतल, चिप्स के पैकेट आदि लेकर पयर्टक बोटिंग के लिए जाते हैं और इसके अवशेष झील में ही फेंक चले आते हैं.

बिना अनुमति जेट्टी से संचालित हो रहीं गतिविधियां अवैध सचिव ने पत्र में लिखा है कि रामगढ़झील प्राधिकरण की सम्पत्ति है. इसके रख-रखाव का कार्य एवं उस पर होने वाला व्यय प्राधिकरण कर रहा है. ऐसे में रामगढ़झील में वोटिंग आदि के संचालन से पूर्व प्राधिकरण से अनुमति लिया जाना आवश्यक है. यह अनुमति पयर्टन विभाग ने नहीं ली है. चेतावनी देते हुए कहा कि जेट्टी पर संचालित बोटिंग समेत अन्य सभी गतिविधियां तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाए अन्यथा कार्रवाई होगी.

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