लखनऊ न्यूज़: वेयरहाउसिंग व लॉजिस्टिक नीति के तहत यूपी सरकार सात स्मार्ट फ्रेट सिटी विकसित करेगी. यह शहर आगरा, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, गाजियाबाद व मेरठ हैं. यहां पर सिटी लाजिस्टिक योजना तैयार की जा रही है. इसके तहत इन महानगरों में माल ढुलाई क्षमता का आकलन कर उसमें बढ़ोतरी करने की विशिष्ट योजना बनेगी.
प्रदेश सरकार ने नई वेयरहाउसिंग व लॉजिस्टिक नीति 2022 की अधिसूचना जारी कर दी. इसमें कहा गया कि स्मार्ट लाजिस्टिक सुविधाएं बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक व डिजिटल ट्रांसफार्मेशन का उपयोग होगा.
दक्षता में बढ़ोतरी के लिए नई सुविधाओं से युक्त बड़े आकार के ट्रकों, उच्च भार क्षमता वाले रेल वैगनों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा. लाजिस्टिक सेक्टर में अब सभी परियोजनाओं उद्योग का दर्जा दिया जाएगा.
इससे इन परियोजनाओं के लिए औद्योगिक भूमि उपयोग व औद्योगिक एफआरए लागू हो जाएगा. इससे राज्य में लाजिस्टिक उद्योग के व्यवसाय स्थापित करने की लागत में कमी आएगी.
प्रयागराज में जनवरी से गोबर गैस प्लांट शुरू होगा:
खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री राकेश सचान ने बताया है कि प्रयागराज जिले के ग्राम मंदरदेह माफी में 720 घटनमीटर क्षमता का गोबर गैस प्लांट बनकर तैयार हो गया है. इस प्लांट से गांव के 400 परिवारों को ईंधन के साथ ही किसानों को जैविक खाद मिलेगी. मंत्री राकेश सचान ने खादी भवन में विभागीय कार्यों की समीक्षा की. जिसमें निर्देश दिए कि इस प्लांट से गांव के जो परिवार गैस लेने के इच्छुक है, उनकी सूची तैयार की जाए.
परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने कहा कि पीपीपी मॉडल पर बस अड्डों के विकास के लिए आवेदन आमंत्रित करने को अगले माह टेंडर जारी किया जाएगा. वह परिवहन निगम मुख्यालय में अधिकारियों और कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रहे थे. यह बैठक प्रदेश के 16 जिलों के 23 बस स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट एंड ट्रांसफर मॉडल पर विकसित किए जाने के संबंध में थी.
वेयरहाउसिंग व लॉजिस्टिक नीति के तहत यूपी सरकार सात स्मार्ट फ्रेट सिटी विकसित करेगी. यह शहर आगरा, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, गाजियाबाद व मेरठ हैं. यहां पर सिटी लाजिस्टिक योजना तैयार की जा रही है. इसके तहत इन महानगरों में माल ढुलाई क्षमता का आकलन कर उसमें बढ़ोतरी करने की विशिष्ट योजना बनेगी.
प्रदेश सरकार ने नई वेयरहाउसिंग व लॉजिस्टिक नीति 2022 की अधिसूचना जारी कर दी. इसमें कहा गया कि स्मार्ट लाजिस्टिक सुविधाएं बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक व डिजिटल ट्रांसफार्मेशन का उपयोग होगा.
दक्षता में बढ़ोतरी के लिए नई सुविधाओं से युक्त बड़े आकार के ट्रकों, उच्च भार क्षमता वाले रेल वैगनों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा. लाजिस्टिक सेक्टर में अब सभी परियोजनाओं उद्योग का दर्जा दिया जाएगा.
इससे इन परियोजनाओं के लिए औद्योगिक भूमि उपयोग व औद्योगिक एफआरए लागू हो जाएगा. इससे राज्य में लाजिस्टिक उद्योग के व्यवसाय स्थापित करने की लागत में कमी आएगी.