टेली मेडिसिन सेवा शुरू नहीं, हेल्थ एटीएम ठप, डेंटल केयर की सुविधा शुरू नहीं
उत्तरप्रदेश | जिले में टेली मेडिसिन सेवा दो महीने से शुरू नहीं हुई है. सेवा शुरू नहीं होने का कारण डॉक्टरों की नियुक्ति का न होना है. वहीं हेल्थ एटीएम सेवा ठप पड़ी हुई है. छह महीने बीत जाने के बावजूद हेल्थ एटीएम की सुविधा लोगों को नहीं मिल पा रही है.
जिले में जिला अस्पताल और बाल चिकित्सालय को टेली मेडिसिन सेंटर बनाया गया था, जहां ऑनलाइन ओपीडी परामर्श की सुविधा मिलनी है. सात डॉक्टरों की नियुक्ति करनी है. डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं होने के कारण मरीजों को टेलीमेडिसिन की सुविधा नहीं मिल पा रही है. दोनों केंद्रों पर टेलीमेडिसिन के सभी उपकरण हैं, डॉक्टर के अभाव में सेवा शुरू नहीं हो पा रही है. नोएडा, ग्रेटर नोएडा और देहात क्षेत्र में नियमित रूप से हेल्थ एटीएम लगाए जा रहे हैं, लेकिन इसका उपयोग मरीजों के लिए पूरी तरह से नहीं हो पा रहा है. हाल ही में नोएडा में एक और ग्रेटर नोएडा में पांच नए हेल्थ एटीएम लगे हैं. अब तक 22 हेल्थ एटीएम स्थापित हो चुके हैं. हेल्थ एटीएम लगने के दौरान एजेंसी ही जांच सहित अन्य सुविधाओं के लिए सामान देती है.
इसके खत्म होने के बाद खरीद नहीं हो पा रही है. जिससे कुछ दिनों के बाद ही एटीएम से मरीजों की जांच नहीं हो पाती. दोनों स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभारी डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि हेल्थ एटीएम में लगने वाले सामान की खरीदारी की जाएगी. इसके बाद सभी एटीएम काम करना शुरू कर देंगे. वहीं टेली मेडिसिन में डॉक्टरों के चयन की प्रक्रिया चल रही है. जल्द ही यह सुविधा शुरू होगी. इसके लिए सभी तैयारियां की जा रही है.
डेंटल केयर की सुविधा शुरू नहीं
गैर संचारी रोग अभियान के तहत डेंटल केयर की सुविधा मई में शुरू होनी थी, लेकिन डॉक्टर नहीं मिल पाने के कारण यह सुविधा शुरू नहीं हो पाई है. सभी उपकरण उपलब्ध है. डॉक्टर की नियुक्ति शासन की ओर से होनी है. लिहाजा स्वास्थ्य विभाग को डॉक्टर का इंतजार है. ताकि डेंटल केयर सुविधा शुरू की जा सके. कार्यक्रम के प्रभारी डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि जल्द ही यह सुविधा शुरू की जाएगी. तैयारी की जा रही है.
ई-संजीवनी ओपीडी में फरवरी से एक भी मरीज नहीं देखा
ई-संजीवनी ओपीडी में फरवरी से एक भी मरीज नहीं देखा गया. पहले बाल चिकित्सालय में चल रहे ई संजीवनी प्रदेश में अव्वल था. ई-संजीवनी ओपीडी में कार्यरत डॉक्टर बीपी सिंह की सेवा समाप्त कर दी गई है. इसके बाद से ई संजीवनी ओपीडी नहीं चली. टेलिमेडिसिन का एक एक केंद्र बाल चिकित्सालय में भी बनना है.