बस्ती: भानपुर तहसील के अधिवक्ताओं ने तहसीलदार कोर्ट का घेराव किया. कोर्ट में हुई बहस के बाद अधिवक्ता तहसीलदार कोर्ट के बाहर धरना देने लगे. अधिवक्ताओं का आरोप था कि उनके साथ नायब तहसीलदार ने अभद्रता की. तहसीलदार कोर्ट के बहिष्कार का निर्णय लेकर धरने पर बैठे अधिवक्ताओं ने एसडीएम के आश्वासन पर समाप्त किया. एसडीएम आशुतोष तिवारी ने दोनों पक्षों से वार्ता कर समस्या समाधान का भरोसा दिया.
सीएम ने तहसील के सभी न्यायालयों से प्राइवेट मुंशियों को हटाने का निर्देश दिया है. प्राइवेट मुंशी हटाने के लिए एडीएम कमलेश चंद्र ने पत्र भी लिखा है. तहसील बार एसोसिएशन भानपुर के अधिवक्ता इसी मांग के साथ तहसीलदार सत्येन्द्र सिंह के पास पहुंचे. पत्र देकर अधिवक्ताओं ने मांग किया कि कोर्ट से प्राइवेट मुंशी को हटा दिया जाए. जब तक इन मुंशियों को हटाया नहीं जाता है, तब तक कोर्ट का संचालन नहीं होगा. यह मांग करके अधिवक्ता वापस लौट गए. अधिवक्ताओं के जाने के बाद तहसीलदार ने कोर्ट शुरू कर दिया. मामलों की पुकार होने लगी, इससे नाराज तहसीलबार के अधिवक्ता विरोध जताने के लिए तहसीलदार कोर्ट में पहुंचे. बताते हैं कि यहां पर कुछ पल के लिए कोर्ट का दरवाजा बंद कर दिया. वहां पर वीडियो बनाया जाने लगा. प्रशासन और अधिवक्ता ने कोर्ट का दरवाजा बंद करने की बात से इनकार किया. इसी दौरान अधिवक्ताओं की तहसीलदार से बहस होने लगी. आरोप है कि इसी दौरान एक नायब तहसीलदार ने अधिवक्ताओं को अपशब्द कह दिया. इससे मामला और गरमा गया. तहसीलदार सत्येन्द्र सिंह ने कहा कि अधिवक्ताओं की मांग थी कि मैं कोर्ट में सुनवाई नहीं करूं, लेकिन अपने तारीख पर वादकारी कोर्ट में आ चुके थे. वादकारियों के हित को ध्यान में रखते हुए मैंने कोर्ट शुरू किया था तभी हंगामा हो गया. फिर मैंने कोर्ट की सुनवाई स्थगित कर दी. नाराज अधिवक्ताओं ने तहसीलदार कोर्ट के बाहर धरना देना शुरू कर दिया. तहसील प्रशासन के विरूद्ध नारा लगाने लगे. दोपहर बाद एसडीएम भानपुर आशुतोष तिवारी धरना स्थल पर पहुंचे. अधिवक्ताओं ने उनसे अपना पक्ष रखा और कोर्ट से प्राइवेट मुंशियों को हटाने की फिर से मांग किया. एसडीएम आशुतोष तिवारी ने इस मुद्दे पर सभी के साथ बैठक कर समस्या समाधान का आश्वासन दिया. उसके बाद अधिवक्ताओं का धरना समाप्त हुआ.