इलाहाबाद न्यूज़: खेल कोटे के तहत खुद को शूटर बताकर शस्त्रत्त् लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले तकरीबन 350 किशोरों के आवेदन को रद्द कर दिया गया है. मामला तब पकड़ा गया जब आवेदन पत्र के साथ लगे प्रमाण पत्र संदिग्ध प्रतीत होने पर आवेदकों से शूटिंग के संबंध में सवाल पूछे गए.
आमतौर पर शस्त्रत्त् लाइसेंस लेने के लिए कम से कम आयु 21 साल की होनी चाहिए. लेकिन शूटिंग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने खिलाड़ियों के लिए शस्त्रत्त् लाइसेंस लेने की आयु 14 साल निर्धारित कर रखी है. शस्त्रत्त् पॉलिसी 2016 में बाकायदा इसके लिए प्रावधान भी किया गया है. शस्त्रत्त् अनुभाग को पिछले दिनों एक दो नहीं बल्कि 350 से अधिक आवेदन किशोरों के मिले. सभी ने खेल कोटे से लाइसेंस के लिए आवेदन किया था. आवेदन पत्र के साथ खेल से संबंधित प्रमाण पत्र लगाने होते हैं. इनके आवेदन पत्र के साथ लगे प्रणाम पत्र संदिग्ध प्रतीत हुए. जिसे देख शस्त्रत्त् लाइसेंस अनुभाग के सदस्यों ने आवेदकों को बुलाकर शूटिंग से इनकी जानकारी को परखा तो सच्चाई सामने आ गई. आवेदक शूटिंग से जुड़े सवालों के जवाब ही नहीं दे सके. जिससे माना गया कि ये आवेदन नियमों की आड़ में गलत तरीके से लाइसेंस लेने के लिए किए गए हैं. और सभी के आवेदन पत्र को निरस्त कर दिया गया. प्रयागराज में अभी तक तीन शूटरों को कम उम्र में लाइसेंस दिया गया है. वहीं गोरखपुर में जनवरी से जून के बीच खेल कोटे से शस्त्रत्त् लाइसेंस के लिए चार आवेदन आए थे. इनमें से तीन के शस्त्रत्त् लाइसेंस बन गए जबकि एक लाइसेंस की प्रक्रिया चल रही है. यहां खेल कोटे से 10 लोगों को शस्त्रत्त् लाइसेंस मिला है. इस दौरान देवरिया में भी एक आवेदन आया है. उधर, बरेली में एक साल के भीतर दो शूटरों को शस्त्रत्त् लाइसेंस जारी किए गए हैं.
इसलिए किया गया प्रबंध
शस्त्रत्त् लाइसेंस लेने की आयु 21 साल है, लेकिन खिलाड़ी 16 से 17 साल की उम्र में शूटिंग में आगे निकल जाते हैं. ऐसे में सरकार ने इसके लिए प्रबंध किया है.
नियम के तहत जो आवेदन आते हैं, उनका शस्त्रत्त् लाइसेंस जारी किया जाता है. खिलाड़ियों को कम उम्र में लाइसेंस जारी करने का प्रावधान है. जिन लोगों ने गलत तरीके से आवेदन किया, जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर उनका आवेदन रद्द कर दिया गया. -सत्यप्रिय सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट