रामपुर न्यूज़: उत्तर प्रदेश के रामपुर में पिछले सप्ताह एक सरकारी स्कूल में स्टाफ के शौचालय का इस्तेमाल करने पर 07 साल की मासूम बच्ची को बेरहमी से पीटेने और उसे पढ़ाई बीच में ही छोड़कर घर भेजने का कथित मामला सोमवार को उजागर हुआ। बच्ची के पिता इंतजार अली ने पुलिस अधीक्षक से इस घटना की शिकायत करते हुए टीचर द्वारा उनके साथ भी मारपीट करने का आरोप लगाया है। शिकायत के अनुसार यह मामला भोट थाना क्षेत्र में स्थित प्राथमिक विद्यालय का है। स्कूल में बच्चों और स्टाफ के लिए अलग टॉयलेट बना है। टॉयलेट गंदा होने के कारण बच्चे अक्सर घर जाकर ही टॉयलेट करते हैं। गत 27 सितंबर को 07 साल की छात्रा जब शौचालय गंदा होने की वजह से स्टाफ के टॉयलेट में जाने लगी तो टीचर मनीषा त्रिपाठी ने गुस्से से आगबबूला होकर छात्रा की जमकर पिटाई कर दी और उसे तुरंत दूसरी छात्राओं के साथ घर भेज दिया।
भोट थाना क्षेत्र के पजावा गांव निवासी इंतजार अली ने पुलिस अधीक्षक से टीचर की शिकायत करते हुए कहा कि छात्रा के कंधे व कमर पर चोट के निशान साफ देखे जा सकते हैं। इसे देखकर उन्होंने जब अपनी पत्नी के साथ स्कूल में जाकर मामले की शिकायत की तो आरोपी टीचर मनीषा, एक अन्य टीचर हरीश कुमार और पूर्व ग्राम प्रधान के भाई नबी हसन ने उनके साथ मारपीट कर उन्हें स्कूल से भगा दिया। उन्होंने बताया कि पुलिस में भी इसकी शिकायत करने पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी। थानाध्यक्ष का कहना है कि यह मामूली विवाद था, जिसे पूर्व प्रधान के कहने पर सुलझा दिया गया। थानाध्यक्ष ने दलील दी कि बच्चे के मामूली चिकोटी काटने पर त्वचा पर नीला निशान पड़ गया होगा।
उन्होंने कहा कि बच्चे के पिता ने भी समझौता करने की पहल की है। इसे गलत बताते हुए पीड़ित पिता ने अपनी शिकायत पुलिस अधीक्षक से करते हुए टीचर के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।