गाजियाबाद न्यूज़: उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क महामाया स्पोर्ट्स स्टेडियम में चार साल में भी सिंथेटिक ट्रैक नहीं बन पाया है. कई बार शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है. सिंथेटिक ट्रैक नहीं होने से धावकों को अभ्यास के लिए दिल्ली जाना पड़ता है.
स्टेडियम में सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक के लिए लगातार प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जा रहा है, लेकिन यह कागजों में सिमट कर रह गया. ऐसे में जिले के कई एथलीट दूसरे राज्यों में जाकर अभ्यास करने को मजबूर हैं. एनआईएस कोच राहुल पंवार ने बताया कि खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाओं के लिए दूसरे जिले औैर राज्य में जाना पड़ता है. सिंथेटिक ट्रैक पर अभ्यास का अनुभव नहीं होने से जिले के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते. ऐसे में उन्हें सिंथेटिक ट्रैक की सुविधा मिलनी जरूरी है.
मिट्टी में दौड़ने मजबूर स्टेडियम में रोज 50 से अधिक एथलीट दौड़ने आते हैं. ट्रैक मिट्टी के बने होने से उन्हें परेशानी होती है. खिलाड़ियों ने कहा कि बारिश के समय ट्रैक की स्थिति बदतर हो जाती है, जिससे अभ्यास के लिए दो से तीन दिन तक ट्रैक सूखने का इंतजार करना पड़ता है.
खिलाड़ियों को परेशानी झेलनी पड़ रही
जिले में लगभग 30 खिलाड़ी राज्य और 15 से अधिक खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं. जिले में नमन चौधरी, शिवम, रोहित, कपीश शर्मा, दीपा, सूरज, गौरव के साथ अन्य राष्ट्रीय स्तर के एथलीट हैं. सिंथेटिक ट्रैक नहीं होने के कारण इनके साथ अन्य खिलाड़ियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
जल्द समाधान की मांग
धावक शिवम, एथलेटिक्स खिलाड़ी सोनम सिंथेटिक ट्रैक नहीं होने से अभ्यास के लिए दिल्ली जाना पड़ता है. यहां रनिंग ट्रैक जल्द बनाना चाहिए, जिससे राहत मिल सके. जिला खेल अधिकारी पूनम विश्नोई का कहना है कि सिंथेटिक रनिंग ट्रैक के लिए शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है. इस पर प्रक्रिया चल रही है.