मेरठ: मेरठ परिक्षेत्र की 16 चीनी मिलों के जरिये इस वर्ष के बेसिक सट्टा 1778 लाख कुंतल के सापेक्ष करीब सवा दो महीने की अवधि में 645.66 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की जा चुकी है। जो कुल सट्टे का लगभग 27.5 प्रतिशत होता है। हालांकि इस वर्ष गन्ने की मिठास थोड़ी कम रही है,
और गत वर्ष के 10.57 के मुकाबले इस बार केवल 9.65 की रिकवरी रही है। उप गन्ना आयुक्त राजेश मिश्र ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मेरठ परिक्षेत्र की समस्त16 चीनी मिलों के पास उपलब्ध कुल सट्टा के सापेक्ष वर्तमान में 16 के जरिये सी हैवी में 349.19 और मिथाइल के लिए बी हैवी में 296.47 लाख गन्ने की पेराई अब तक हो चुकी है। वर्तमान पेराई सत्र में अब तक चीनी का उत्पादन 62.31 लाख कुंतल हो चुका है।
भुगतान में मवाना, नगलामल और दौराला ने मारी बाजी
उप गन्ना आयुक्त राजेश मिश्र ने बताया कि दौराला मिल ने 31 दिसंबर तक खरीदे गए गन्ने की कीमत के रूप में 240 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। जबकि नंगलामल मिल ने दो जनवरी के गन्ने का 112 करोड़ और मवाना मिल ने तीन जनवरी तक खरीदे गए गन्ने का मूल्य 227 करोड़ रुपये भुगतान कर दिया है। जबकि सकौती मिल ने 24 दिसम्बर तक खरीदे गए गन्ने का 28 करोड़ रुपये भुगतान कर दिया है।
वहीं जिला गन्ना अधिकारी डा. दुष्यंत कुमार ने बताया कि किनौनी मिल की चीनी बिक्री का काम तेज हुआ है, जिसके चलते मिल ने बेची गई चीनी की धनराशि किसानों के बकाया गन्ना भुगतान के रूप में प्रेषित कर दिया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में किनौनी मिल की ओर 58 करोड़ रुपये बकाया हैं, जिनके 20 जनवरी तक किसानों को दिए जाने की संभावना है।