दारुल उलूम नदवतुल उलमा का सर्वेक्षण पूरा, 12-सूत्रीय प्रोफार्मा के तहत ली गई जानकारी
लखनऊ : उत्तर प्रदेश बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन और जिला प्रशासन की एक टीम ने गुरुवार को लखनऊ में मुस्लिम मदरसा दारुल उलूम नदवतुल उलमा का सर्वेक्षण किया है। टीम का हिस्सा रहे जिला अल्पसंख्यक अधिकारी सोन कुमार ने कहा कि सर्वेक्षण का उद्देश्य मदरसा, इसकी संबद्धता आदि के बारे में जानकारी एकत्र करना था। उन्होंने कहा कि संबद्धता अब तक उनके लिए अज्ञात थी।
कुमार ने कहा कि उन्होंने 12-सूत्रीय प्रोफार्मा के अनुसार जानकारी एकत्र की, जिसमें मदरसा चलाने वाले संगठनों के नाम और विवरण, स्थापना का वर्ष, बिजली, पेयजल जैसी सुविधाएं, छात्रों की संख्या, पाठ्यक्रमों की पेशकश की और वित्त पोषण के स्रोत जानकारी मांगी गई है। गौरतलब है कि पिछले दिनों राज्य सरकार ने "गैर-मान्यता प्राप्त" मदरसों के सर्वेक्षण का आदेश दिया था। राज्य में पहली बार शनिवार को मुस्लिम मदरसों का सर्वे शुरू हुआ। विपक्षी दलों ने इस कदम की आलोचना की है और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर "बुरी मंशा" से इस तरह के कार्यों से मुसलमानों को आतंकित करने का आरोप लगाया है।
AIMIM चीफ असद्दुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिमों को टारगेट करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, "यह मुस्लिम समुदाय के खिलाफ एक 'टारगेटेड सर्वे है. प्राइवेट स्कूलों,मिशनरी स्कूलों,सरकारी स्कूलों,आरएसएस स्कूलों का भी सर्वे होना चाहिए. गैर सहायता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण करना एक टारगेटेड सर्वे है और गलत है। बता दें कि उत्तरप्रदेश में मदरसों के सर्वे के आदेश के बाद उत्तराखंड सरकार भी इस पर विचार करना शुरू कर दी है और सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि वह भी राज्य के मदरसों का सर्वेक्षण कराना चाहते हैं।