सुप्रीम कोर्ट ने एलडीए द्वारा अवैध निर्माण कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगाई
सामान हटाने के लिए दी चार तक की मोहलत
लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ के अकबर नगर में अवैध निर्माण हटाने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) द्वारा की जा रही तोड़फोड़ की कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी है. शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं को शॉपिंग और रिहायशी परिसर खाली करने के लिए 4 तक का वक्त दिया है. साथ ही कहा कि 4 के बाद एलडीए कार्रवाई को आगे बढ़ा सकती है. जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने आदेश दिया.
पीठ ने कहा कि 4 के बाद एलडीए तोड़फोड़ की कार्रवाई कर सकेगा. इसके साथ ही, शीर्ष अदालत ने एलडीए को कार्रवाई करने से पहले और बाद में उस जगह की तस्वीर भी लेने और उन सामानों की सूची बनाने को कहा जो वहां मिलेंगे ताकि बाद में परिसर के मालिक उन्हें वापस भी ले सकें. इसके अलावा, शीर्ष अदालत ने परिसर के मालिक को वैकल्पिक आवास पाने के लिए के लिए एलडीए के समक्ष आवेदन कर सकते हैं.
न्यायालय ने विष्णु स्वरूप चौरसिया की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकारी भूमि पर किए गए सभी व्यावसायिक एवं आवासीय निर्माण को अनाधिकृत एवं अवैध करार दिया है. याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट में अपने कॉम्प्लेक्स व दुकानों की जमीन के मालिकाना हक के संबंध में कोई दस्तावेज नहीं दे सके. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें केवल सामान निकालने भर की ही मोहलत दी है.
बेसमेंट में मिट्टी व मलबा भर गया अकबर नगर के 24 कॉम्प्लेक्स को तोड़ने का फैसला शाम चार बजे आया था. उसी दिन से एलडीए ये कॉम्प्लेक्स तोड़ रहा था और देर रात तक इन्हें काफी तोड़ दिया गया था. पीछे का कुछ हिस्सा बचा था, जिसे - की रात में गिराया गया. ताज महल फर्नीचर तथा सम्राट फर्नीचर के पीछे की दीवारों तक जेसीबी नहीं पहुंच पा रही थी