AMU में छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर छात्रों ने किया जोरदार प्रदर्शन, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी
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अलीगढ़। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर विद्यार्थियों ने बाबे सैय्यद गेट पर मंगलवार को प्रदर्शन किया। एएमयू में करीब 4 साल से छात्र संघ चुनाव नहीं कराए गए हैं, इसके साथ ही अमूटा और एएमयू कर्मचारियों के भी चुनाव नहीं हुए हैं। छात्रों ने आज प्रदर्शन करते हुए कुलपति से मांग की है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के आधार पर छात्र संघ के साथ शिक्षकों की एसोसियेशन अमुटा का जल्द चुनाव कराएं।
कुलपति छात्र के अधिकारों का कर रह हनन
एएमयू के छात्र नेता जानिब हसन ने बताया कि छात्र संघ चुनाव नहीं करा कर एएमयू के कुलपति छात्र अधिकारों का हनन कर रहे हैं। वहीं जानिब ने बताया कि छात्र संघ चुनाव जल्द नहीं कराए जाते हैं तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा और बॉबे सैयद गेट पर धरने पर बैठेंगे। हालांकि छात्रों ने कुलपति के नाम संबोधित एक ज्ञापन प्राक्टर को दिया है। छात्र नेता जानिब हसन ने कहा कि अब फैसला कुलपति को लेना है। अगर कुलपति छात्रों के हित में फैसला करते हैं तो उनका स्वागत होगा और अगर छात्रों के विपक्ष में कुलपति काम करेंगे तो आंदोलन किया जायेगा।
यूनियन बनी तो समस्याएं कुलपति पर भारी पड़ सकती है: छात्र
एएमयू छात्रों ने कहा कि चुनाव न करा कर विश्वविद्यालय में सभी को दबाने का काम किया जा रहा है। छात्रों ने कहा कि अगर छात्र, शिक्षकों या कर्मचारियों की यूनियन बनेगी तो कहीं न कहीं उनकी समस्याएं सामने आएंगी। चुनाव इसलिए नहीं कराए जा रहे हैं कि अगर यूनियन बन गई तो समस्याएं कुलपति पर भारी पड़ सकती है। छात्रों ने बताया कि पिछले 4 साल से यूनियन नहीं है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया के आधार पर चुनाव कराने के लिए आवाज उठाई जा रही है।
छात्रों के पास कुलपति तक अपनी बात पहुंचाने का कोई प्लेटफार्म नहीं
छात्र मोहम्मद आसिफ ने बताया कि स्टूडेंट यूनियन के चुनाव को लेकर कुलपति के नाम संबोधित ज्ञापन प्राक्टर को दिया गया है। 2018 के बाद एएमयू में छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए है। छात्रों की यूनियन नहीं होने से विद्यार्थियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि लॉकडाउन के चलते चुनाव नहीं कराए गए और ऑनलाइन कक्षाएं चलाई गई। लेकिन अब सभी क्लास ऑफलाइन हो गए हैं। छात्रों को विभाग में और हॉस्टल में कई समस्याएं आ रही हैं। छात्रों के पास ऐसा कोई प्लेटफार्म नहीं है कि वह कुलपति तक अपनी बात पहुंचा सकें। एएमयू इंतजामियां अपनी तानाशाही करती है और छात्रों की बात नहीं सुनती है। एएमयू प्राक्टर वसीम अली ने बताया कि छात्रों ने छात्रसंघ, शिक्षकों और कर्मचारियों के यूनियन के चुनाव कराने की मांग की है। उन्होंने बताया कि अब तक कोविड-19 का मामला चल रहा था और पढ़ाई ऑनलाइन मोड चल रही थी। अब पढ़ाई ऑफलाइन मोड पर आ गई है और यूनिवर्सिटी की एक्टिविटीज को ट्रैक पर लाने की कोशिश की जा रही है। एडमिशन प्रोसेस चल रहा है और वक्त के अनुसार छात्र संघ चुनाव भी कराए जाएंगे।