कॉपी-पेस्ट के नियमों में फंस रहे छात्र-छात्राएं

रिपोर्ट के बाद ही जमा होती है थिसिस

Update: 2022-07-30 05:24 GMT

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जनता से रिश्ता वेबडेस्क : साहित्यिक चोरी रोकने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के प्रयासों के बावजूद छात्र-छात्राएं अनजाने में कॉपी-पेस्ट के नियमों में फंस रहे हैं। पांच वर्षों में चौ. चरण सिंह विवि में जमा की गईं कुल थिसिस में आधे से ज्यादा में 25 फीसदी तक कंटेंट कॉपी मिला है। 32 फीसदी से अधिक थिसिस ऐसी रहीं, जिनमें कॉपी-पेस्ट 26-40 फीसदी के बीच रहा। 10.88 फीसदी थिसिस में कॉपी किया कंटेंट 41-60 फीसदी तक रहा, जबकि 0.41 फीसदी थिसिस ऐसी भी मिली, जिनमें 60 फीसदी कंटेंट दूसरी जगह से कट-पेस्ट किया हुआ था। शुक्रवार को जारी विवि की रिपेार्ट में उक्त स्थिति बनी है।

रिपोर्ट के बाद ही जमा होती है थिसिस
25 फीसदी से कम कॉपी मिलने पर विवि थिसिस को पहली बार में स्वीकार कर लेता है। इसमें कुछ संशोधनों के बाद प्लेगेरिज्म को सही किया जाता है, लेकिन इससे अधिक पर छात्रों को थिसिस वापस की जाती है। विवि ने हिन्दी और क्षेत्रीय भाषा में प्लेगेरिज्म पकड़ने को अलग से सॉफ्टवेयर लगाया है, जबकि अंग्रेजी के लिए अलग है। ऐसे में छात्र किसी भी भाषा में थिसिस क्यों ना तैयार करें, कट-पेस्ट पकड़ा जाएगा।
source-hindustan


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