मेरठ: परीक्षितगढ़ का दयावती हत्याकांड शासन की जिले में शुरू हुई मुहिम का साक्षी बना है. 12 वर्ष पहले यह हत्या हुई थी, जिसका मामला न्यायालय में विचाराधीन था. पुलिस ने मजबूत पैरवी और अभियोजन पक्ष ने दमदार जिरह के जरिए हत्याकांड के आरोपियों को न केवल सजा दिलाई बल्कि जुर्माना भी कराया.
फेहरिस्त से एक मुकदमा खत्म होने के बाद नई की तलाश शुरू हो गई है, वहीं इस कार्रवाई ने पुलिस में भी जोश भरने का काम किया है.
यह था पूरा मामला परीक्षितगढ़ के ग्राम बली में 21 मार्च, 2012 को केशव पुत्र घनश्याम व उनकी पत्नी दयावती पर घर में घुसकर बल्लम, चाकू व दराती से जानलेवा हमला किया गया. केशव व उनकी पत्नी दयावती गंभीर रूप से घायल हो गए. यह हमला केशव के बड़े भाई उग्रसेन व उसकी पत्नी राजवती ने किया था. दोनों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसके बाद केशव के दामाद कर्म सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई. 16 अप्रैल 2012 को दयावती की मृत्यु हो गई और मुकदमा हत्या में तरमीम हो गया.
12 वर्ष से जेल में चल रहे बंद 17 अप्रैल, 2012 को दयावती की मौत के बाद पुलिस ने उग्रसेन व उसकी पत्नी राजवती को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. इस मामले में 13 गवाह पेश किए गए, जबकि 200 से ज्यादा तारीख लगीं. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता वैभव कुमार सिंह ने दमदार पैरवी करते हुए हत्यारोपियों के लिए सख्त सजा की मांग की.
विवेचना व ट्रायल की अलग श्रेणी इन 20 विवेचना वाले 20 मुकदमों में जल्द चार्जशीट लगाई जाएगी ताकि ट्रायल शुरू हो सके. ट्रायल वाले 20 मामलों में मजबूत पैरवी व गवाही कराई जाएगी, ताकि दयावती हत्याकांड की तर्ज पर सजा कराई जा सके.
एक माह में दाखिल होगी चार्जशीट चयनित 20 मुकदमों की अफसर हर दिन समीक्षा करेंगे. नियमानुसार किसी भी मुकदमे की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल करने में 60 से 90 दिन का समय निर्धारित है. इन चिह्नित मामलों के लिए एक माह का समय निर्धारित किया गया है. इसके बाद पूरा फोकस पैरवी और गवाही पर होगा.
जिले में चयनित मुकदमों पर काम शुरू हो गया है, जिसमें से एक मुकदमे में सजा दिलाई गई है. जल्द मुकदमों की भी हर रोज मॉनीटरिंग की जा रही है. - अनित कुमार, एसपी क्राइम