यूपी में बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल, सीएम ने बुलाई बैठक

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्ताव को वापस लेने की मांग को लेकर यूपी पावर कारपोरेशन प्रबंधन और

Update: 2020-10-06 11:09 GMT

यूपी में बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल, सीएम ने बुलाई बैठक

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्ताव को वापस लेने की मांग को लेकर यूपी पावर कारपोरेशन प्रबंधन और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के करीब 15 लाख से अधिक बिजली कर्मचारी आज भी हड़ताल पर हैं। सोमवार को नोएडा से लेकर पूर्वी यूपी के बलिया, महाराजगंज समेत 10 जिलों में बत्ती गुल रही। वहीं, राजधानी के वीवीआईपी इलाकों में भी करीब दो घंटे बिजली ठप रही। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, स्वामी प्रसाद मौर्या, मोहसिन रजा सहित दो दर्जन मंत्रियों के आवासों पर अंधेरा रहा। साथ ही 60 से अधिक विधायकों व विधान परिषद सदस्यों की बिजली सप्लाई भी बाधित रही।

इन हालातों से निपटने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ऊर्जा विभाग की बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव ऊर्जा अरविंद कुमार और वित्त विभाग के अधिकारियों को बुलाया गया है।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि, ऊर्जा मंत्री पंडित श्रीकांत शर्मा के साथ सोमवार को संघर्ष समिति की वार्ता दोपहर तीन बजे से रात्रि साढ़े आठ बजे तक चली। सहमति के बिंदु तय हो गए थे। समझौते के अनुसार ऊर्जा मंत्री ने स्पष्ट आश्वासन दिया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के या किसी अन्य निगम के विघटन-निजी करण का प्रस्ताव वापस लिया जाता है और प्रदेश में कहीं भी ऊर्जा क्षेत्र में कोई निजीकरण नहीं किया जाएगा। विद्युत वितरण कंपनियों की वर्तमान व्यवस्था में ही बिजली कर्मचारियों को विश्वास में लेकर सुधार के कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

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