लखनऊ न्यूज़: उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क केजीएमयू में आवारा कुत्तों ने सात लोगों को शिकार बनाया. इसमें दो कर्मचारी समेत अन्य लोगों के हाथ-पैर, पेट आदि अंगों में गहरे जख्म हो गए हैं.
ओपीडी में कार्यरत संजय गुप्ता गांधी वार्ड के पास से गुजर रहे थे. तभी कुत्ते ने हमला बोल दिया. बचने के लिए वो भागे तो कुत्ते ने कई जगह काटकर लहूलुहान कर दिया. सुरक्षा कर्मी, तीमारदारों ने बचाने की कोशिश की तो दो तीमारदारों को भी कुत्ते ने काटकर जख्मी कर दिया. एक तीमारदार के पैर तो दूसरे का हाथ नोच लिया. कुछ समय बाद खूंखार कुत्ते ने रेडियोडायग्नोसिस विभाग की सुषमा को भी काटकर घायल कर दिया.
इसी तरह गोमतीनगर विस्तार निवासी रमेश गांधी वार्ड के पास सीता रसोई के पास से जा रहे थे. तभी दो से तीन कुत्तों ने उन पर भी हमला बोल दिया. बचने के लिए भागे, लेकिन भूरे रंग के कुत्ते ने पैर दबोचकर चीर दिया. इमरजेंसी में वैक्सीन नहीं लग सकी तो निजी अस्पताल में इलाज कराया.
आवारा कुत्ते एक लाख पार
नगर निगम सर्वेक्षण के अनुसार शहर में आवारा कुत्तों की संख्या एक लाख पहुंच चुकी है. कुछ माह पहले यह 85 हजार थे. इससे पहले दो वर्ष बधियाकरण ठप रहा.
यहां रोज लग रहे इंजेक्शन
बलरामपुर अस्पताल 150 से 180
सिविल अस्पताल 100 से 130
लोक बन्धु अस्पताल 50 से 80
सीएचसी मोहनलालगंज 30 से 40
टीबी अस्पताल 40 से 60
सीएचसी गोसाईंगंज 30 से 40
सीएचसी मॉल, मलिहाबाद 20 से 30
सीएचसी बीकेटी, इटौंजा 50 से 60
सरोजनीनगर व काकोरी 25 से 30
विशेषज्ञों के सुझाव
● विशेषज्ञों का सुझाव है कि कुत्तों को बिना वजह नहीं छेड़ा जाना चाहिए.
● अधिक गर्मी में आवारा कुत्तों में
अंदर आक्रमण की क्षमता बढ़ जाती है.
● गाड़ियों के पीछे ये बिना वजह भागने लगते हैं, इनसे सावधान रहें.
● लोगों को प्रेरित करना चाहिए कि बेकार खाना कुत्तों को खिलाएं.
एक साल में 14 हजार से अधिक को लगी वैक्सीन
● बीते एक साल में अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक 14348 लोगों को रैबीज इंजेक्शन लगा है.
● पुराने लखनऊ के इलाकों में आवारा कुत्तों का ज्यादा आतंक है.
● टीबी अस्पताल, सिविल अस्पताल में रैबीज इंजेक्शन लगवाने आने वालों में 60 फीसदी लोग पुराने लखनऊ के इलाकों के हैं.
● सर्वाधिक चौक, चौपटिया, नक्खास, मौलवीगंज, सआदतगंज, ऐशबाग, कैसरबाग, रकाबगंज, ठाकुरगंज, सदर, डालीगंज आदि के लोग हैं.
रात में पकड़ा गया, सुबह तक हो गई मौत
केजीएमयू में जिस कुत्ते ने आतंक मचाया, उसे पकड़ने नगर निगम ने कर्मचारियों को भेजा था पर कुत्ता चंगुल में नहीं आया. देर शाम केजीएमयू के कर्मचारियों ने पकड़कर बांध दिया. सुबह कर्मचारी कुत्ते को लेने पहुंचे तो पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है. नगर निगम अफसरों ने बताया कि कारण का पता लगाया जा रहा है.
केजीएमयू प्रशासन आवारा कुत्तों के आगे बेबस
केजीएमयू प्रशासन आवारा जानवरों के आगे बेबस है. परिसर में दाखिल होने के कम से कम पांच से छह गेट हैं. इनसे पशु भी आ रहे हैं. केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि सुरक्षा गार्ड आवारा पशुओं को रोकने के लिए मुस्तैद रहते हैं. फिर भी आवारा कुत्ते घूमकर काट रहे हैं. संस्थान प्रशासन ने नगर निगम को पत्र लिखा. इसके बावजूद इन्हेें नहीं पकड़ा गया.