पीडब्ल्यूडी का मेरठ में 81 प्रतिशत सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अजब गजब दावा
मेरठ न्यूज़: सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश तय समय सीमा में पूरे नहीं हो पाए लिहाजा प्रदेश सरकार का डंडा पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों पर चलना वाजिब था। हालांकि यह डंडा नहीं चला और कुछ प्राकृतिक कारणों के साथ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एनजीटी) द्वारा निर्माण कार्यों पर लगाई गई पाबंदियों का हवाला देते हुए विभागीय अधिकारियों ने सरकार के सामने अपनी बेबसी जाहिर कर दी। नतीजा यह हुआ कि सरकार ने लोक निर्माण विभाग को 15 दिनों का और समय दे दिया। दरअसल, प्रदेश भर की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के आदेश के बाद पूरे यूपी में विभाग को कुल 59 हजार 572 किलोमीटर सड़कों को गड्ढा मुक्त करना था, लेकिन तय समय सीमा के भीतर विभाग 46 हजार 684 किलोमीटर सड़कों को ही गड्ढा मुक्त कर पाया। अब अगले 15 दिनों के भीतर विभाग को 12 हजार 888 किलोमीटर सड़कों को गड्ढा मुक्त करना होगा। इसके अलावा मेरठ क्षेत्र में सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए 2611.94 किलोमीटर की लक्षित लम्बाई तय की गई थी, लेकिन तय समय के भीतर 2126.85 किलोमीटर (81 प्रतिशत) का लक्ष्य ही विभाग हासिल कर पाया।
सबसे कम काम आजमगढ़ क्षेत्र में हुआ। यहां 2711.41 किलोमीटर की लक्षित लम्बाई तय की गई थी, लेकिन तय समय सीमा के भीतर 1874.68 किलोमीटर (69 प्रतिशत) का लक्ष्य ही विभाग हासिल कर पाया। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सबसे ज्यादा काम हुआ। यहां 3419.55 किलोमीटर की लक्षित लम्बाई के सापेक्ष 3319.59 किलोमीटर (97 प्रतिशत) काम को अंजाम दे दिया गया। अब पूरे प्रदेश की बची हुई 22 प्रतिशत सड़कों को 30 नवंबर तक हर हाल में पूरा करने के निर्देश सरकार ने पीडब्ल्यूडी विभाग को दिए हैं। अपने कामों के प्रति अक्सर लापरवाही का आरोप झेलने वाले पीडब्ल्यूडी को बचे हुए 15 दिनों में लगभग 13 हजार किलोमीटर सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए या तो काम करना होगा या फिर कोई जादू की छड़ी घूमेगी और प्रदेश की सड़कें गड्ढा मुक्त हो जाएंगी।
एनएचएआई ने भी लटकाया ठेकेदारों का भुगतान: अपने काम का भुगतान न होने के चलते लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार परेशान हैं। इन ठेकेदारों का आरोप है कि उनके द्वारा किए गए कामों को काफी समय हो चुका है, लेकिन भुगतान के नाम पर एक चवन्नी तक ठेकेदारों को अब तक नहीं मिली है। ठेकेदारों का आरोप है कि पीडब्ल्यूडी से लेकर एनएचएआई तक में भुगतान की फाइलें अटकी पड़ी हैं। पीडब्ल्यूडी ठेकेदार महासंघ के अध्यक्ष रोहित जाखड़ ने आरोप लगाया कि लगभग एक साल होने को है। जिस समय दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ था और केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी इसका उद्घाटन करने मेरठ आए थे तब उनके हेलीकॉप्टर के लिए उन्होंने हेलीपेड बनवाया था। इसका भुगतान एनएचएआई को करना था, लेकिन एक साल पूरा होने को है, लेकिन अभी तक भी उनके काम का भुगतान एनएचएआई ने नहीं किया है। बकौल रोहित जाखड़ वो विभाग में कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद अभी तक भी एनएचएआई ने उनका भुगतान नहीं किया है। इसके अलावा कई और ठेकेदार भी परेशान हैं। जिनके द्वारा करवाए गए निर्माण कार्यों का भुगतान पीडब्ल्यूडी द्वारा नहीं किया गया है।
हालांकि इस संबध में उक्त ठेकेदार कई बार विभागीय वरिष्ठ अफसरों से भुगतान के संबंध में मिल चुके हैं, लेकिन हर बार आश्वासन के सिवा उन्हे कुछ नहीं मिला। हालांकि कुछ दिनों पूर्व जब उक्त ठेकेदार अपने भुगतान की मांग को लेकर अधिशासी अभियंता एसके सारस्वत से मिले थे तब उन्होंने शीघ्र ही भुगतान का आश्वासन दिया था, लेकिन उनके दावे भी हवा हवाई साबित हुए।