वाराणसी न्यूज़: राज्य सड़क परिवहन निगम ने कार्य संस्कृति में बदलाव के लिए बड़ी पहल की है. इसके तहत विभागीय अफसर और कर्मचारी रोडवेज की बसों को गोद लेंगे. वे बसों के समयबद्ध परिचालन, मेंटीनेंस, स्वच्छता व यात्रियों के प्रति चालक-परिचालकों के बेहतर व्यवहार पर ध्यान देंगे.
क्षेत्रीय प्रबंधक (आरएम) व सेवा प्रबंधक (एसएम) प्रत्येक डिपो से दो-दो बसों को गोद लेंगे. सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (एआरएम), सीनियर स्टेशन इंचार्ज और फोरमैन को दस-दस बसों का जिम्मा दिया गया है. परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने 'परिवर्तन की ओर' थीम के तहत गुणवत्तापूर्ण व समयबद्ध सेवा की दिशा में पहल की है. एमडी के निर्देश पर वाराणसी परिक्षेत्र में गोद लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
पुरानी बसों को प्राथमिकता मिलेगी वाराणसी परिक्षेत्र के कैंट, काशी, वाराणसी (ग्रामीण), चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर, सोनभद्र और विंध्यनगर डिपो से रोज 503 बसों का संचालन होता है. योजना के तहत इनमें 250 बसों को पहले चरण में गोद लिया जाएगा. गोद लेने में पुरानी बसों को प्राथमिकता दी जा रही है.
ऐसे बंटेगी जिम्मेदारी क्षेत्रीय प्रबंधक गौरव वर्मा आठ डिपो की 16 बस और सेवा प्रबंधक प्रियम श्रीवास्तव 16 बस गोद लेंगे. उनके अलावा आठों डिपो के एआरएम दस-दस यानी कुल 80 बसों की सूरत बदलेंगे. सभी डिपो के आठ सीनियर स्टेशन इंचार्जों और आठ फोरमैनों को भी 160 बसों की जिम्मेदारी मिली है.