राज्य सरकार ने आम आदमी को दी 2 बड़ी राहत, किसानों को भी मिलेगा लाभ

जानिए क्या फैसले लिए गए

Update: 2021-10-26 15:54 GMT
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यूपी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लोगों को मंगलवार को दो बड़ी राहतें दीं। एक तो आम आदमी पर कोरोना काल में दर्ज हुए तीन लाख से ज्यादा मुकदमों की वापसी का आदेश जारी कर दिया दूसरी ओर बेमौसम बरसात और बाढ़ से बर्बाद फसलों का 90 हजार से ज्यादा किसानों को 35 जिलों में मुआवजा देने के लिए 30.54 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की है। योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कोरोना काल में आम लोगों पर दर्ज लाखों अपराधिक मुकदमे वापस लेने का निर्णय लिया है। इससे संबंधित आदेश न्याय विभाग ने मंगलवार को जारी कर दिया। वर्तमान या पूर्व सांसद, विधायक, विधान परिषद सदस्य इस दायरे से बाहर रखे गए हैं। इनके मामले में हाईकोर्ट की अनुमति से ही अलग से विचार किया जाएगा।

कानून मंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि कोविड -19 प्रोटोकाल व लाकडाउन के उल्लंघन में दर्ज मुकदमें वापस लेने के लिए सभी जिला मजिस्ट्रेट से लिखित रूप से कहा गया है। अब अदालत में दर्ज हो चुके ऐसे मुकदमे वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह पहली बार हुआ है कि एक निर्णय से इतनी बड़ी संख्या में मुकदमे वापस लिए जा रहे हैं। इस बीच न्याय विभाग के प्रमुख सचिव प्रमोद कुमार श्रीवास्तव द्वितीय द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005,महामारी अधिनियम 1897 व आईपीसी की धारा 188 आदि में प्रदेश भर में तीन लाख से अधिक दर्ज मुकदमे, जिनमें आरोप पत्र दाखिल हो चुका है, वापस लेने की कार्यवाही शुरू की जाए। असल में इस मामले में सरकार को यह कार्यवाही तीन महीने में पूरी कर अमल रिपोर्ट इलाहाबाद उच्च न्यायालय को देनी है। अगर इस तरह के मुकदमे वापस नहीं लिए जाएंगे तो संबंधित व्यक्ति को अदालत अधिकतम दो साल की सजा देने व साथ ही जुर्माना लगाने का प्रावधान है।

केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने राज्यों को सलाह दी थी कि कोविड-19 प्रोटोकाल के उल्लंघन के मामलों की समीक्षा की जाए, जिससे सामान्य नागरिकों को अनावश्यक अदालती कार्यवाही, न्यायालयों में लंबित फौजदारी के मामलों को रोकने और नागरिकों को फौजदारी प्रक्रिया की कार्यवाही से बचाया जा सके। इस क्रम में गृह मंत्रालय ने इस तरह के अपराधिक मामलों की समीक्षा कर मुकदमे वापस लेने के संबंध में विचार करने को कहा गया।

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