लखनऊ। सीमा हैदर मामले में एक्शन ले लिया गया है। जिसमें SSB के इंस्पेक्टर सुजीत वर्मा और हेड कांस्टेबल चंद्र कमल को सस्पेंड कर दिया गया है। दोनों SSB की 43वीं बटालियन में तैनात थे और इंडो-नेपाल बॉर्डर पर ड्यूटी दे रहे थे। जहा पाकिस्तान से सीधे भारत न आकर सीमा हैदर पहले नेपाल गई थी। नेपाल के रास्ते ही वह बस पर बैठकर भारत आई। जिसको लेकर जांच में इंस्पेक्टर सुजीत वर्मा और हेड कांस्टेबल चंद्र कमल की चेकिंग करने में लापरवाही पाई है।
आपको बता दें कि एसएसबी की 43वीं बटालियन के इंस्पेक्टर सुजीत वर्मा और हेड कांस्टेबल चंद्र कमल सस्पेंड किए गए हैं। दोनों जवानों की ड्यूटी उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर जिले में इंडो-नेपाल सीमा पर लगी हुई थी। जिस बस में बैठकर सीमा हैदर ने भारत में एंट्री ली थी, उसकी जांच इन दोनों जवानों ने ही की थी।
सीमा हैदर को भारत आए काफी समय हो गया है। उसके बाद अब ये कार्रवाई क्यों कि गई। अब मामला मीडिया की सुर्खियों में आया तो पता चला कि सीमा नेपाल के रास्ते भारत आई थी। नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षा की जिम्मेदारी एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) की है। जब एसएसबी को इसकी जानकारी हुई तो उसने इंटरनल जांच कराई। जांच में दोनों जवानों की लापरवाही मिली, जिसके बाद दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है।
बता दें कि एसएसबी एक अर्धसैनिक बल है। सीआरपीएफ और बीएसएफ की तरह ही यह भी केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आता है। इसका काम देश के पूर्वी हिस्से पर इंडो-नेपाल बॉर्डर की 1,751 किलोमीटर की सीमा की निगरानी करना है।