हवन-पूजन के साथ नैमिषारण्य से चुनाव अभियान का आगाज करेगी सपा

Update: 2023-05-29 13:34 GMT
लखनऊ: नैमिषारण्य में हवन पूजन के साथ सपा लोकसभा चुनाव अभियान का आगाज नौ जून से करेगी। यहां होने वाले दो दिवसीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर में कार्यकर्ताओं को डॉ. आंबेडकर, डॉ. लोहिया के विचारों से वाकिफ कराया जाएगा। साथ ही नर्म हिंदुत्ववाद का संदेश देने की भी कोशिश होगी। शिविर में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव सहित अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।
सपा लोकसभा चुनाव को लेकर फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रही है। वह आरक्षण के मुद्दे पर मुखर है। संविधान बचाने की अपील कर रही है। भाजपा को संविधान विरोधी बताते हुए लोहियावादियों और आंबेडकरवादियों को एक मंच पर लाने में जुटी है। दलितों एवं अति पिछड़ों को जोड़ने पर जोर दे रही है। विधानसभा चुनाव में करीब 38 फीसदी मत हासिल करने वाली पार्टी अब 40 से 45 फीसदी मत का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है।
कार्यकर्ता सीखेंगे जीत की बारीकियां
प्रशिक्षण शिविर में पार्टी की रणनीति से लेकर कार्यकार्ताओं को चुनाव जीतने का तरीका सिखाया जाएगा। मतदाता सूची सत्यापन, मतदाताओं को बूथ तक ले आने सहित बूथ प्रबंधन का मंत्र दिया जाएगा। कार्यक्रम का उद्घाटन अखिलेश यादव करेंगे।
इसलिए नैमिषारण्य
कार्यक्रम संयोजक पूर्व विधायक रामपाल यादव ने बताया पुराण के अनुसार यहां भगवान द्वारा निमिष मात्र में दानवों का संहार होने से यह ‘नैमिषारण्य’ कहलाया। यही वजह है कि अब भाजपा के अंत के लिए सपा यहां से चुनावी अभियान की शुरुआत करने जा रही है। शिविर शुरू होने से पहले 151 वेदी पर बैठे सपा अध्यक्ष सहित अन्य नेता वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन-पूजन करेंगे। वह ललिता देवी मंदिर भी जाएंगे। देवी-देवताओं से जीत का आशीर्वाद लेंगे।
रामपाल यादव ने बताया कि तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। तीन हजार बूथ कमेटी सदस्य सहित पांच हजार लोग कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। सभी वरिष्ठ नेताओं से दो दिन वहीं रहने की अपील की गई है।
अयोध्या की काट
वरिष्ठ पत्रकार नागेंद्र कहते हैं कि भाजपा अयोध्या के जरिए हिंदुत्व को धार देती रही है। सपा ने अयोध्या की काट के तौर पर नैमिषारण्य चुना है। यह हिंदुओं का तीर्थ स्थल है। रामायण में भी इसका जिक्र है। यहां भी 84 कोस परिक्रमा होती है। ऐसे में सपा नैमिषारण्य से लोकसभा चुनाव की शुरुआत करके नर्म हिंदुत्ववाद का संदेश देने का प्रयास कर रही है।हिंदुत्व के नाम पर उससे बिदकने वाले मतदाताओं को भी जोड़ने की कोशिश कर रही है। सपा भरोसा देगी कि उसे हर तीर्थ स्थल से लगाव है। एक तरह से इसे सपा के टर्निंग प्वाइंट के तौर पर भी देखा जा सकता है।
तीन लोकसभा क्षेत्र पर असर
सियासी नजरिए से देखें तो सीतापुर जिला तीन लोकसभा क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। यहां की नौ विधानसभा सीटें में सिर्फ एक पर सपा का कब्जा है। अन्य भाजपा के पास हैं। यहां की पांच विधानसभा सीटें सीतापुर लोकसभा, हरगांव व महौली विधानसभा क्षेत्र धौरहरा लोकसभा क्षेत्र में हैं।इसी तरह मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र में यहां की मिश्रिख विधानसभा के अलावा हरदोई की मल्लावां, संडीला व बालामऊ एवं कानपुर की बिल्हौर विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। ऐसे में हर बूथ कमेटी के कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम में बुलाकर सीतापुर ही नहीं आसपास के जिलों को भी जोड़ने का प्रयास किया गया है।
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