सपा अपने गठबंधन के साथ यूपी में 80 सीटों पर लड़ेगी चुनाव: अखिलेश

Update: 2023-03-04 14:21 GMT
आजमगढ़ (आईएएनएस)| समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सपा लोकसभा चुनाव में अपने गठबंधन के साथियों के साथ सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने शनिवार को आजमगढ़ में मीडिया से वार्ता में कहा कि मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव हमारी पार्टी ने बड़े अंतर से जीता है। भाजपा अभी तक मैनपुरी चुनाव के हार का आंकलन नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि भाजपा को मैनपुरी में करारी हार इसलिए मिली क्योंकि उसके पास महंगाई, बेरोजगारी और किसान की आय दोगुनी करने के वादे पर कोई जवाब नहीं दे पा रही है। भाजपा ने हर चीज में महंगाई कर दी है। दूध महंगा हो गया। परिवहन महंगा हो गया। गैस सिलेण्डर के दाम बढ़ा दिये है। बिजली महंगी होने जा रही है। सरकार बताये कि इन सबका मुनाफा कहां जा रहा है। कहा कि लोकसभा का चुनाव हम अपने गठबंधन के साथियों के साथ सभी 80 सीटों पर लड़ेंगे।
कहा कि भाजपा वन ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनाने का सपना दिखा रही है, लेकिन यह नहीं बता रही है कि उसके लिए जीडीपी की विकास दर कितनी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश हर पैरामीटर में पिछड़ गया है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार माफियाओं को मिट्टी में मिलाने की बात करती है लेकिन यह बताए कि टॉप टेन और टॉप 100 अपराधियों की सूची क्यों नहीं जारी कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। नोटबंदी फेल हो चुकी है। भाजपा के तमाम नेता भ्रष्टाचार में लिप्त है और कई जगह नोटों के साथ पकड़े जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने नौजवानों को धोखा दिया है। उसने नौकरी और रोजगार नहीं दिया। नौजवान 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को सबक सिखाएगी नहीं तो भाजपा अग्निवीर जैसी आधी अधूरी नौकरी देगी। निजीकरण करेगी और आउटसोसिर्ंग को बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा कि हमारा नौजवान वर्दी पहन कर देश की सेवा करना चाहता है। आधी अधूरी नौकरी नहीं चाहता है। नौजवानों को एक होकर देश और समाज को बचाने के लिए भाजपा को हटाना होगा।
कहा कि भाजपा सरकार में विकास ठप्प है। लोकनिर्माण, स्वास्थ्य और बिजली जैसे महत्वपूर्ण विभागों में सरकार बजट ही खर्च नहीं कर पा रही है। लोकनिर्माण विभाग न सड़क बना पा रहा है और न सड़कों को गड्ढ़ा मुक्त कर पा रहा है। इसी तरह स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टर और अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ की भारी कमी है। भाजपा सरकार स्वास्थ्य विभाग को बजट ही नहीं दिया है।
--आईएएनएस
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