लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सम्मानजक दाह संस्कार के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की है। अब लोगों को सड़कों पर शव रखने और विरोध में यातायात अवरुद्ध करना दंडनीय अपराध होगा। गृह विभाग के अनुसार इस संबंध में एक जनहित याचिका पर हाई कोर्ट के आदेश पर एसओपी आता है। प्रवक्ता ने कहा कि जो कोई भी सार्वजनिक स्थान या सड़क पर शव रखता है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि यह मृतक का अपमान है।
एसओपी के अनुसार, जब मृतकों के परिवारों को पोस्टमार्टम के बाद शव सौंपे जाते हैं, तो उन्हें लिखित में देना होगा कि वे शव को सीधे अपने घर ले जाएंगे और उसके बाद श्मशान में दफन करेंगे। उन्हें विरोध के निशान के रूप में किसी भी स्थान पर शव रखने की अनुमति नहीं होगी। ऐसी गतिविधियों में हिस्सा लेने वाले किसी भी संगठन को भी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। ऐसे मामलों में जहां रात में दाह संस्कार होता है, मृतक के परिवार को लिखित में अपनी स्वीकृति देनी होगी और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी। यह फैसला सितंबर 2020 की मध्यरात्रि में हाथरस पीड़िता के दाह संस्कार को लेकर हुए आक्रोश के बाद आया है।