लखनऊ। जल्द ही प्रदेश के हर मेडिकल कॉलेज में लिक्विड ऑक्सीजन उपलब्ध होगी। कॉलेजों में सिलेंडर से आक्सीजन की निर्भरता कम हो जाएगी। राजकीय मेडिकल कॉलेजों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के प्लांट लगाए जाएंगे। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने 41 कॉलेजों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट की व्यवस्था करने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव व कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को निर्देश दिये हैं।
लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) प्लांट लगाने के लिए लाइसेंस समेत दूसरे संसाधन जुटाने की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार 'वन डिस्ट्रिक्ट-वन मेडिकल कॉलेज अभियान' के तहत प्रदेश के प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज तैयार किए जा रहे हैं। इन मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई की अच्छी सुविधा के साथ ही मरीजों के इलाज के लिए भी समुचित संसाधन जुटाने पर जोर दिया जा रहा है। इसी के तहत मेडिकल कॉलजों में लिक्विड मेडिकल प्लांट लगाने पर भी जोर दिया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार उप मुख्यमंत्री ने फिलहाल 41 मेडिकल कॉलेजों में प्लांट लगाने के निर्देश दिये हैं।
लगभग एक दर्जन मेडिकल कॉलेजों को पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी आर्गेनाइजेशन (पीईएसओ) से लाइसेंस मिल गया है। इनमें गोरखपुर, आगरा, कानपुर, मेरठ, झांसी, बांदा, अयोध्या, बस्ती, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, देवरिया, प्रतापगढ़ के राजकीय मेडिकल कॉलेज शामिल हैं, जबकि अंबेडकर नगर, कन्नौज, बदायूं, बहराइच, फतेहपुर, गोंडा, कौशांबी, गाजीपुर, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, एटा, प्रयागराज, जालौन, जौनपुर, हरदोई, मिर्जापुर, ललितपुर व चंदौली के मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। बिजनौर, पीलीभीत, औरेया, सुल्तानपुर, सोनभद्र, बुलंदशहर, लखीमपुर खीरी, कानपुर देहात, कुशीनगर और अमेठी में लाइसेंस के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।