बेटे ने हथौड़े से किया पिता की हत्या

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Update: 2022-08-07 10:43 GMT
मेरठ के कोतवाली थानातर्गत 2015 में हुई 70 वर्षीय प्रेम कृष्ण शर्मा की हत्या करने वाला कोई और नहीं, उसका बेटा ही था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले में विचार के बाद इसकी पुष्टि कर दी है। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया जिसने अपीलकर्ता को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष यह साबित करने में सफल रहा कि पिता की हत्या पुत्र ने ही की है। जबकि, याची/अपीलकर्ता अपनी बेगुनाही साबित नहीं कर सका। यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ.कौशल जयेंद्र ठाकर और न्यायमूर्ति अजय त्यागी ने अनुराग शर्मा की अपील को खारिज करते हुए दिया। कोर्ट ने कहा कि इस प्रकरण में परिस्थितियों की शृंखला इतनी पूर्ण एवं एक दूसरे से जुड़ी हुई है कि अभियुक्त/अपीलकर्ता के दोष के संबंध में कोई संदेह नहीं रह जाता है कि अपराध केवल अपीलकर्ता ने किया था।
कोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ता का अपराध करने का मकसद था क्योंकि, उसके कहने पर ही मौके पर हथौड़ा बरामद हुआ है। जांच रिपोर्ट से हथौड़े पर खून के धब्बे की पुष्टि होती है। चिकित्सा साक्ष्य भी अभियोजन पक्ष का समर्थन करते हैं।
अपीलकर्ता के घर में लूट या डकैती के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं मिला है। जब शिकायतकर्ता वापस लौटा तो अपीलकर्ता अपने घर में नहीं मिला और उसने सबसे पहले अपने पति का शव देखा। आरोपी सीआरपीसी की धारा 313 के तहत अपने बयान को साबित करने में भी विफल रहा कि वह इस हद तक विकलांग था कि वह हथौड़े का उपयोग नहीं कर सकता था लेकिन उसके सहायक गवाह ने इस बात की पुष्टि नहीं की। लिहाजा, अपीलकर्ता दोषी है।
मामले में मेरठ की सत्र अदालत ने अपीलकर्ता को अपने पिता की मौत का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास तथा 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। अपीलकर्ता ने सत्र न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी। उसकेखिलाफ मेरठ के कोतवाली थाने में पिता की हत्या करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
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