मेरठ। कुछ पुलिसकर्मियों के अंदर मानवीयता नाम की भावना ही नहीं बची है। खासकर सिपाहियों में यह प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है कि बेकसूर लोगों को खाकी का रौब दिखाकर मारपीट करना। ऐसा ही एक मामला वरिष्ठ कवि ओंकार गुलशन के परिवार के साथ हुआ। कवि के बीमार चल रहे बेटे की दवा लेने जा रहे पौत्र को ब्रहमपुरी थाने के एक सिपाही ने रोककर हड़काया और पिटाई कर दी।
जैसे ही कवि के बीमार बेटे को इसकी जानकारी हुई तो उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कुंवर पाल शर्मा ने इस संबंध में एसएसपी को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। कवि ओंकार नाथ गुलशन एडवोकेट का पुत्र नवीन कुमार पिछले काफी समय से अस्वस्थ चल रहा था। नवीन कुमार का पुत्र पिता की दवा लेने बाइक से जाने लगा तो थाना ब्रह्मपुरी का एक सिपाही प्रताप वहां खड़ा था।
उस सिपाही ने बाइक रुकवा ली और नवीन के पुत्र को पीटने लगा। सिपाही को बताया कि पिता बीमार हैं, फिर भी सिपाही ने उसकी एक न सुनी। सिपाही ने हठधर्मिता दिखाते हुए कहा कि मुझे साधारण सिपाही मत समझना। नवीन के पास यह सूचना पहुंची कि उसके पुत्र के साथ पुलिस मारपीट कर रही है तो यह जान कर उसे गहरा आघात लगा और हार्ट अटैक से निधन हो गया। एसएसपी को लिखे पत्र में दोषी सिपाही के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।