महराजगंज: महराजगंज सदर सीएचसी में नसबंदी कराने आई महिलाओं को सर्जरी के बाद फर्श पर ही लिटा दिया गया. इस तस्वीर ने स्वास्थ्य विभाग की कलई खोल कर रख दी है. इतना ही नहीं जब महिलाएं घर जाने के लिए एम्बुलेंस में सवार हुई तो उनसे तैनात कर्मी 150 रुपये की मांग करने लगा, नहीं देने पर धक्के मारकर एम्बुलेंस से नीचे उतार दिया.
महराजगंज जिले में प्राइवेट हॉस्पिटल में सरकारी दवाएं मिलने और नौतनवा सीएचसी में अंधेरे के बीच मोमबत्ती और टार्च की रोशनी में प्रसव का मामला अभी थमा भी नहीं था कि सीएमओ कार्यालय के नीचे स्थित सदर सीएचसी में नसबंदी कराने आई महिलाओं को सर्जरी के बाद फर्स पर ही लेटा दिया गया.
ना बेड का खर्च, ना कोई झमेला, सीधे फर्श पर इलाज. इतना ही नहीं जब महिलाएं घर जाने के लिए एम्बुलेंस में सवार हुई तो उनसे तैनात कर्मी 150 रुपये की मांग करने लगा. नहीं देने पर धक्के मारकर एम्बुलेंस से नीचे उतार दिया. इस तस्वीर ने स्वास्थ्य विभाग की कलई खोल कर रख दी है. इस मामले के बारे में सीएमओ की अलग ही दलील है.
फर्स पर इलाज और पैसे के लिए एम्बुलेंस से उतारने की बात सीएमओ साहब के गले नहीं उतर रही है. सीएमओ कह रहे हैं कि ऐसा हो ही नहीं सकता, सम्भव ही नहीं है, लेकिन सीएमओ अपनी कुर्सी से उठ कर अपना गेट पार करने को भी तैयार नहीं है, क्योंकि उनको इस बात की जानकारी है कि सच्चाई सामने आ जाएगी.
दरअसल, यह नसबंदी शिविर सीएमओ साहब के ऑफिस के नीचे सदर सीएचसी चल रहा था. एक ही बिल्डिंग में सदर सीएचसी नीचे और सीएमओ कार्यालय ऊपर चलता है. स्वास्थ्य विभाग की नाकामियों और लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के पीछे एक फार्मेसिस्ट की भूमिका सवालों के घेरे में है.
एनआरएचएम घोटाले के दौरान चर्चित इस फार्मेसिस्ट के इशारे पर ही जिले का पूरा स्वास्थ्य महकमा चलता है. लोगों का मानना है कि साये की तरह सीएमओ के साथ रहने वाला यह फार्मेसिस्ट दिन को रात कहे तो साहब भी रात ही कहेंगे.