सर्जिकल स्ट्राइक में अचूक पैराशूट से 30 हजार फीट से कूदेंगे जवान

भारतीय वायुसेना के लिए तैयार इस पैराशूट के निर्माण के लिए ओपीएफ को जल्द ऑर्डर मिलेगा

Update: 2024-03-16 05:12 GMT

लखनऊ: भारतीय सेना के लिए सर्जिकल स्ट्राइक में सबसे अचूक पैराशूट (एमसीपीएस) का सफलतापूर्वक ट्रायल करने के बाद कानपुर की आयुध पैराशूट निर्माणी में इसके उत्पादन की तैयारी शुरू कर दी गई. भारतीय वायुसेना के लिए तैयार इस पैराशूट के निर्माण के लिए ओपीएफ को जल्द ऑर्डर मिलेगा. इस कॉम्बैट पैराशूट को पहनकर जवान 30 हजार फीट की ऊंचाई से कूद सकते हैं. पांच हजार फीट की ऊंचाई पर यह आसानी से खुलता है, जहां जवान हवा में ठहर सकते हैं.

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एडीआरडीई) ने इसकी डिजाइन को तैयार किया है. इसकी खासियत है कि इसका वजन 18 किलो है और यह 200 किलो पेलोड आसानी से उतार सकता है. यह पैराशूट काफी ऊंचाई से किसी भी ऑपरेशन को अंजाम देता है और जमीन के करीब आने पर कहीं भी जवान को तैनात कर सकता है. इस पैराशूट को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह कभी फेल नहीं हो सकता है. मेन पैराशूट के फेल होने पर भी कैनोपी और पैराग्लाइडिंग के जरिये आसानी से जवान नीचे उतर जाएगा. इसमें पैरा कंप्यूटर की प्रोग्रामिंग होने से कम्युनिकेशन सिस्टम है.

स्वेदशी उपकरणों से तैयार मिलिट्री कॉम्बैट पैराशूट सिस्टम अचूक और सुरक्षित है. भारतीय वायुसेना ने इसका सफल परीक्षण कर लिया है. पैराशूट फैक्ट्री में इसे बनाने की पूरी तैयारी है. सेना से ऑर्डर मिलते ही कम समय में उत्पादन कराकर उपलब्ध करा कराया जाएगा.

- एमसी बालासुब्रमणियम, जीएम, ओपीएफ

सूत्रों के मुताबिक, ऐसा पैराशूट विदेश से आयात करने में एक पैराशूट की कीमत करीब 50 से 55 लाख रुपये आती है. जबकि, इसे तैयार करने में 13 से 15 लाख रुपये लागत आएगी. यह पैराशूट स्वदेशी उपकरणों से तैयार किया गया है.

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