मुरादाबाद न्यूज़: मंडलभर में सांड के हमलों की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. मंडल के चार जिलों में गुजरे एक साल में 18 लोगों को सांड मौत के घाट उतार चुके हैं. घायलों की संख्या तो दो सौ से ज्यादा पहुंच गई है. इस पर अंकुश नहीं लग सका है. पिछले साल से सांड के हमले को राज्य आपदा की लिस्ट में शामिल किया जा चुका पर मुआवजा को पीड़ित परिवार मुंह ताक रहे हैं.
हैरत इस बात की है कि मौतों के बाद भी कई के रिकॉर्ड तक सरकारी रजिस्टर में नहीं हैं. मंडल में सबसे ज्यादा अमरोहा जिले में सात मौतें सांड के हमलों से हो चुकी हैं. एक दिन पहले ही अमरोहा में कक्षा छह के छात्र 15 वर्षीय लोकेश को मार डाला. वह खेतों से घर लौट रहा था. इससे पहले मई में एक सेना के जवान को अमरोहा में ही सांड ने मार डाला था. इसी 14 और 11 जुलाई को भी हाल में ही अमरोहा में एक एक मौत सांड के हमले से हो चुकी है. संभल में भी छह लोगों की मौत सांड के हमले से हो चुकी हैं. बबराला की बाजार में विजयपाल नाम के व्यक्ति पर सांड ने हमला किया तो सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर व्यवस्था पर सवाल उठाए थे. संभल के कैथल गांव में श्रीराम, जुनवाई क्षेत्र के गांव शहजनाबाद निवासी रामवीर सिंह और गुन्नौर निवासी विजय पाल सिंह समेत छह लोगों की मौत हो चुकी है. रामपुर जिले में बीते नौ माह में तीन की मौत हो चुकी है. अभी ताजा मामला 29 जून का है सैफनी के ताजपुर बेहटा गांव में वृद्ध चाहूराम को सांड ने मार डाला.
14 मई को ढकिया के नादरगंज में ग्राम प्रधान के पिता नोनीराम की जान चली गई. 22 अक्टूबर को मिलक के करीमंज में एक वृद्ध की जान ल ेली. मुरादाबाद जिले में ठाकुरद्वारा तहसील के नन्हूवाला गांव में सोते वक्त 65 वर्षीय कल्लन नाम के व्यक्ति पर सांड हमला किया कि उसकी मौत हो गई. कल्लन भगतपुर के मूल निवासी थे. इसके पहले मूढ़ापांडे ब्लाक थाना भगतपुर के परसूपुरा बाजे में अतर सिंह की सांड के हमले से मौत हो चुकी है.