खनन निदेशालय में लगी आग के मामले में खनिज भवन के छह कक्ष सील
कर्मियों के बयान दर्ज
लखनऊ: हजरतगंज स्थित खनन निदेशालय में लगी आग के मामले में एसटीएफ ने जांच शुरू कर दी. एसटीएफ की पांच सदस्यीय टीम दोपहर में खनिज निदेशालय के दफ्तर पहुंची. यहां आग की चपेट में आये छह कमरों में कुछ देर तक जांच की. फोरेंसिक विशेषज्ञों ने निरीक्षण किया, फिर एसटीएफ ने इन कमरों को सील कर दिया. इसके साथ की कुछ कर्मचारियों के बयान भी लिये. खनन निदेशक से भी कुछ बिन्दुओं पर एसटीएफ ने बात की. हजरतगंज पुलिस ने एफआईआर कॉपी, कुछ दस्तावेज एसटीएफ को सौंप दिये हैं.
बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश बंद खनिज निदेशालय परिसर में बाहरी व्यक्ति नहीं जाने दिए गए. तभी एसटीएफ, पुलिस और सीएफओ वहां पहुंचे. करीब एक घंटे रुककर आग का कारण जानने का प्रयास किया.
स्थापना अनुभाग में कई फाइलें जली निरीक्षण में पता चला कि स्थापना अनुभाग वाले कमरे में सबसे ज्यादा आग लगी थी. यहां तबादला, तैनाती आदि से जुड़ी पत्रावलियां रखी थी. यह सभी जल गई. बगल के कमरे में खनन परिवहन में लगने वाले वाहनों के ट्रांजिट पास रखे थे. यहां आग से दर्जनों फाइलों के कवर, पन्ने जल गए हैं.
आग लगी या लगायी गई: आग लग गई या साजिश के तहत लगायी गई...इन बिन्दुओं पर भी एसटीएफ जांच कर रही है. अब चिन्हित कर्मचारियों, घटना के समय मौजूद अफसरों के बयान लेगी. जानने की कोशिश है कि आग से कौन महत्वपूर्ण फाइलें जली हैं. खनन निदेशक माला श्रीवास्तव का कहना है कि एसटीएफ जांच कर रही है. रिपोर्ट आने पर स्थिति स्पष्ट होगी. इंस्पेक्टर विक्रम सिंह का कहना है कि सारे दस्तावेज एसटीएफ को दे दिये गये हैं. अब जांच वही कर रही है.
सीसी फुटेज खंगाले गये: सूत्रों का कहना है कि एसटीएफ ने परिसर,आसपास के कैमरों की फुटेज भी खंगाले हैं. एसटीएफ के अधिकारी फिर पड़ताल करने पहुंचेंगे. रात को हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज करायी गई थी. इसमें अधिकारी तब हरकत में आ गये, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान ले लिया. सीएम के आदेश पर जांच रात एसटीएफ को सौंप दी गई थी.