केस दर्ज न करने पर छह इंस्पेक्टर जांच के दायरे में

Update: 2023-08-07 06:30 GMT

बस्ती: जिले के हर्रैया थाने की फाइलों में ढाई साल तक एक युवती की हत्या का केस दबाकर रखने के मामले में तीन थाना प्रभारी समेत छह इंस्पेक्टर कार्रवाई की जद में आएंगे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद 24 जुलाई को थाने के दरोगा की तहरीर पर आनन-फानन में हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया था. आईजी रेंज आरके भारद्वाज ने केस दर्ज करने में लापरवाही बरतने की जांच के लिए एसपी बस्ती गोपालकृष्ण चौधरी को निर्देशित किया है.

आईजी आरके भारद्वाज के आदेश पर चले ऑपरेशन क्लीन के तहत लंबित पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जांच की गई तो हर्रैया थाने का यह प्रकरण सामने आया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जांच हुई तो पता चला कि 13 जनवरी 2021 को महिला के शव का पीएम कराया गया था, जिसमें महिला की गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई थी. इसके बाद पीएम रिपोर्ट भी फाइलों में गुम हो गई. तब से लेकर अब तक मौजूद थाना प्रभारी को छोड़कर आधा दर्जन दरोगा व इंस्पेक्टर यहां बतौर थाना इंचार्ज रहे, लेकिन किसी ने मुकदमा दर्ज नहीं किया.

आधा दर्जन इंस्पेक्टर आए जांच के दायरे में हर्रैया थानाक्षेत्र में महिला का शव 11 जनवरी 2021 को मिला. शव बरामदगी से लेकर जून 23 तक थाने पर तैनात रहे थाना प्रभारी जांच के दायरे में आएंगे. उस समय थानेदार सर्वेश राय थे, जो वर्तमान में खलीलाबाद कोतवाली के प्रभारी हैं. इनके बाद यहां

इंस्पेक्टर विकास यादव को चार्ज मिला, जो लखनऊ में कार्यरत हैं.

इंस्पेक्टर बिन्देश्वरी मणि तिवारी वर्तमान में सिद्धार्थनगर में, इंस्पेक्टर विजय सिंह श्रावस्ती में, इंस्पेक्टर शैलेश सिंह वर्तमान में बस्ती के सोनहा थाना और इंस्पेक्टर विनय पाठक वर्तमान में कोतवाली के प्रभारी हैं.

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